राजपुर निवासी एक व्यक्ति ने मई महीने में साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि उन्हें एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को फेडएक्स कुरियर कंपनी का प्रतिनिधि बताया और दावा किया कि उनका एक पार्सल मुंबई एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है। फोन करने वाले ने कहा कि कुरियर में आपत्तिजनक सामग्री और पांच से छह पासपोर्ट पाए गए हैं, जिससे मामले को क्राइम ब्रांच को सौंपा जा रहा है।इसके बाद व्यक्ति को एक और फोन आया, जिसमें खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया गया।
ठगों ने कहा कि व्यक्ति “डिजिटल गिरफ्तारी” में हैं और अब वे कहीं भी नहीं जा सकते—उन्हें लगातार फोन पर ही बने रहना होगा। ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए कुछ वर्दीधारी लोगों को दिखाकर व्यक्ति को और डराया, जिससे वे घबरा गए।
डर के माहौल में व्यक्ति ने ठगों द्वारा बताए गए बैंक खाते में अगले ही दिन आरटीजीएस के माध्यम से दो करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी जानमाल का भय दिखाकर उनसे एक करोड़ 12 लाख रुपये और ऐंठ लिए गए, जिससे कुल ठगी की राशि तीन करोड़ रुपये हो गई। शिकायत मिलने के बाद एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपी की लोकेशन का लगातार पता लगाया। जांच में पता चला कि ठग ने कई बैंक खातों का उपयोग किया था और आरोपी के खातों में छह करोड़ रुपये से भी अधिक का संदिग्ध लेनदेन पाया गया।
रविवार को एसटीएफ ने बहराइच के रानीपुर थाना क्षेत्र के मनोज (निवासी बसौना, दहौरा, केसरगंज) को सिसई हैदर सिलोटा रोड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पिछले कई दिनों से लगातार ठिकाने बदल रहा था ताकि पुलिस की पकड़ से बच सके। उसके पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ है, जिसका उपयोग ठगी में किया गया था।
पुलिस के अनुसार, आरोपी के खिलाफ देशभर में कुल 76 शिकायतें दर्ज हैं, जिसमें उसने इसी तरह के फर्जीवाड़े से कई लोगों को ठगा है। आरोपी को न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और आरोपी के बैंक खातों व अन्य मोबाइल नंबरों की भी छानबीन की जा रही है ताकि ठगी के नेटवर्क का पूरा खुलासा किया जा सके।
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