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उत्तराखंड में नगर निकाय चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। 10 नवंबर के आसपास चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। हाल ही में एकल सदस्यीय आयोग ने ओबीसी आरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। अब नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए आवश्यक नियमावली को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसे अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है।

नियमावली पर सीएम की मुहर के बाद होगा आरक्षण का निर्धारण

राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई इस नियमावली में नगर निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों का फार्मूला भी तय किया गया है। मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद नियमावली लागू कर दी जाएगी, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में किस वर्ग के लिए कौन-कौन से पद आरक्षित होंगे। ओबीसी के अलावा सामान्य, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आरक्षित सीटों का निर्धारण भी इसी प्रक्रिया के तहत होगा।

देहरादून सहित कई नगर निगमों के मेयर पद पर भी नजर

देहरादून नगर निगम समेत अन्य नगर निकायों के मेयर और प्रमुख पदों पर ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। अभी विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच संभावित आरक्षण को लेकर अटकलों का दौर जारी है। शहरी विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तैयार फार्मूले के आधार पर ही सीटों का आवंटन तय किया जाएगा।

अधिसूचना से पहले जिलों में होगी तैयारी

राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। अगले कुछ दिनों में जिलाधिकारियों के स्तर पर ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, ताकि समय रहते सभी आवश्यक कदम पूरे किए जा सकें।

10 नवंबर को अधिसूचना की उम्मीद

निकाय चुनावों की अधिसूचना 10 नवंबर के आसपास जारी होने की संभावना है। इसके साथ ही विभिन्न नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में चुनावी गतिविधियां तेज हो जाएंगी, और आरक्षण के आधार पर उम्मीदवारों का चयन भी शुरू हो जाएगा। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही चुनावी तस्वीर साफ हो जाएगी और यह तय होगा कि किस नगर निकाय में कौन से पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होंगे।

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