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रुड़की (हरिद्वार): रुड़की के पनियाला गांव स्थित बांके बिहारी गौशाला में 19 गायों और बछड़ों की संदिग्ध हालात में मौत ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। रविवार और सोमवार को हुई इन मौतों के बाद स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई। भारी भीड़ ने मौके पर हंगामा करते हुए मामले की गहन जांच की मांग की है। गौशाला संचालक का दावा है कि बीमार पशुओं का इलाज कराया गया था, लेकिन मौत के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है।

गौशाला में 19 गायों की मौत से मचा हड़कंप

रुड़की के शिवपुरम कॉलोनी की गली नंबर 9 में स्थित इस गौशाला का संचालन संजय शर्मा नामक व्यक्ति द्वारा किया जाता है। जानकारी के अनुसार, रविवार को अचानक 10 गायों की मौत हो गई। हालात की गंभीरता देखते हुए सरकारी पशु चिकित्सालय की टीम ने मौके पर पहुंचकर गायों का परीक्षण किया और सैंपल लिए। लेकिन हालात और बिगड़ते चले गए, जिसके चलते सोमवार देर रात 9 और गायों ने दम तोड़ दिया।

भारी भीड़ और हिंदू संगठनों का प्रदर्शन

गायों की मौत की खबर तेजी से इलाके में फैलने के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग गौशाला पर इकट्ठा हो गए। इसके बाद कई हिंदू संगठन भी मौके पर पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया। संगठनों ने गायों की मौत को लेकर गंभीर सवाल उठाए और मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। उनका आरोप है कि गौशाला में लापरवाही बरती गई है, जिसके चलते इतनी बड़ी संख्या में पशुओं की जान गई है।

गौशाला संचालक का पक्ष

गौशाला के संचालक संजय शर्मा ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से कई गायों की तबीयत खराब थी और डॉक्टरों की टीम लगातार उपचार में जुटी हुई थी। हालांकि, तमाम प्रयासों के बावजूद मौतों का सिलसिला नहीं रुक सका। संचालक ने यह भी स्वीकार किया कि गौशाला में कुछ अनियमितताएं पाई गई हैं और अभी भी कई गायों की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा।

आगे की कार्रवाई और जांच की मांग

गौशाला में 50 से अधिक गायें हैं, जिनमें से कई अब भी बीमार हैं। इस घटना ने प्रशासन और पशु कल्याण संगठनों का भी ध्यान आकर्षित किया है। हिंदू संगठनों और स्थानीय निवासियों ने मामले की जांच की मांग करते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है। यह घटना न केवल गौशाला प्रबंधन पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पशु संरक्षण के दावों पर भी गंभीर चिंताएं पैदा करती है। स्थानीय प्रशासन अब जांच के परिणामों का इंतजार कर रहा है ताकि गायों की मौत के पीछे के कारणों का सही-सही पता लगाया जा सके।

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