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देहरादून: नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच एक अहम बैठक में प्रदेश को नॉलेज हब के रूप में उभरने और ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा हुई। इस बैठक में राज्य के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया गया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी शाम को आयोग के साथ संवाद में राज्य की प्रमुख योजनाओं और विकास की दिशा में चल रहे प्रयासों की जानकारी साझा की।

SDG इंडिया इंडेक्स में प्रथम स्थान और जल स्रोतों का पुनर्जीवीकरण

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि SDG इंडिया इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखंड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य में जल स्रोतों और नदियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से SARRA (Spring and River Rejuvenation Authority) का गठन किया गया है, जिसके तहत अब तक 5428 जल स्रोतों का संरक्षण और संवर्द्धन किया जा चुका है। इसके अलावा 228 बरसाती नदियों के कैचमेंट एरिया को पुनर्जीवित किया गया है। राज्य सरकार हिम-आधारित नदियों को वर्षा-आधारित नदियों से जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर भी काम कर रही है, जिसके दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे।

ग्रामीण उद्यमिता के लिए क्लस्टर आधारित इनक्यूबेशन सेंटर

राज्य में ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए क्लस्टर आधारित रूरल इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रारंभिक चरण में दो इनक्यूबेशन सेंटर खोले गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अगले चरण में प्रत्येक जनपद में ऐसे केंद्र स्थापित करने की योजना है, जिसके लिए राज्य को केंद्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहायता की अपेक्षा है।

विकेंद्रीकृत योजनाओं की आवश्यकता और ग्रीन स्किलिंग पर जोर

मुख्य सचिव रतूड़ी ने बताया कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए “वन साइज फिट फॉर ऑल” मॉडल में लचीलापन लाने की आवश्यकता है, ताकि राज्य की विशिष्ट परिस्थितियों के अनुसार योजनाओं को ढाला जा सके। उत्तराखंड में ग्रीन स्किलिंग को बढ़ावा देने और ईको-टूरिज्म गतिविधियों को प्रभावी बनाने के लिए भी नीति आयोग से तकनीकी सहयोग की मांग की गई है। इसके अलावा, नीति आयोग की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार ने SETU (State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand) की स्थापना की है, जिसके तहत विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की नियुक्ति की जा रही है।

समान नागरिक संहिता और लैंगिक समानता के प्रयास

उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू कर लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके अलावा, महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण और सहकारी समितियों में 33% आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। नकल-विरोधी सख्त कानून लागू होने से परीक्षा प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे युवाओं में सिस्टम के प्रति विश्वास बढ़ा है।

निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल नीतियां और वैश्विक सम्मेलन

मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए 25 निवेशोन्मुखी नीतियां बनाई गई हैं। 2023 के वैश्विक निवेश सम्मेलन में 3.56 लाख करोड़ रुपये के MoU पर हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें से अब तक 75,000 करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतारा जा चुका है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर हेलीकॉप्टर सेवा को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने छोटे जल विद्युत प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से 24% कैपिटल सब्सिडी देने की मांग की है।

सिंचाई और उद्यानिकी विकास के लिए केंद्र से सहयोग की मांग

मुख्य सचिव ने पीएम कृषि सिंचाई योजना में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत पर्वतीय क्षेत्रों के स्रोतों के विस्तार के लिए गाइडलाइंस में संशोधन की आवश्यकता जताई गई है। राज्य को “प्लांटिंग मटीरियल हब के रूप में विकसित करने के लिए नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड और नेशनल सीड कॉरपोरेशन से भी सहयोग की उम्मीद है।

उत्तराखंड को नॉलेज हब बनाने की योजना

उत्तराखंड सरकार ने सेवा क्षेत्र नीति 2024 लागू की है, जिसके तहत शिक्षा, आईटी, वेलनेस और खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्य में 23 निजी विश्वविद्यालयों, 12 राज्य विश्वविद्यालयों और कई राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के जरिए उत्कृष्ट शिक्षा का माहौल पहले से मौजूद है। K-12 स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए 25% तक कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, जिससे राज्य में शिक्षा का विस्तार हो सके।

ईको-टूरिज्म और होमस्टे के जरिए ग्रामीण विकास

ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन लीफ रेटिंग प्रणाली लागू की गई है, जिसमें नैनीताल और देहरादून के 79 होमस्टे को प्रमाणित किया गया है। दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास योजना के तहत स्थानीय लोगों को ईको-फ्रेंडली होमस्टे स्थापित करने में मदद दी जा रही है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। आयुष विभाग के सहयोग से 184 होमस्टे को वेलनेस स्टे में तब्दील किया गया है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमांत गांवों का विकास

वाइब्रेंट विलेज योजना के अंतर्गत उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों के 51 गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों में पर्यटन, आजीविका, ऊर्जा, सड़कों और कौशल विकास के जरिए समग्र विकास की योजना है। अब तक 195.76 करोड़ रुपये की 140 योजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है। गुंजी मनेला को शिव नगरी थीम पर विकसित किया जा रहा है, और पर्यटन सुविधाओं के लिए डीपीआर भी स्वीकृत की गई है।

टिकाऊ पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और फूलों की घाटी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में जैव विविधता की रक्षा के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। केदारनाथ और बदरीनाथ सहित अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है, और इस अभियान को अन्य पर्यटन स्थलों तक विस्तार देने की योजना है।

—इस बैठक के माध्यम से उत्तराखंड ने नीति आयोग और केंद्र सरकार से अपने विकास की गति को तेज करने के लिए सहयोग की अपेक्षा जताई है। नीति आयोग के सहयोग से राज्य सरकार ने उत्तराखंड को एक नॉलेज हब और पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।

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