देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मसौदे का प्रारूप तैयार कर लिया है। इस ड्राफ्ट पर अब मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद अंतिम स्वीकृति दी जाएगी। यूसीसी के तहत विवाह, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, और उत्तराधिकार जैसे मामलों में नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त दंड का प्रावधान होगा।
मसौदा नियमों के अनुसार, गलत या झूठी जानकारी देने पर दोषी को ₹50,000 से ₹1,00,000 तक जुर्माना और छह माह से साढ़े तीन वर्ष तक की कैद का सामना करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, विवाह पंजीकरण से लेकर तलाक और बहु-विवाह तक के नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाएगी।
विवाह पंजीकरण और लिव-इन रिलेशनशिप पर सख्ती
– विवाह पंजीकरण में देरी या गलत जानकारी देने पर ₹25,000 तक जुर्माना और तीन माह की कैद का प्रावधान है।
– लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देने के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। पंजीकरण न कराने या गलत सूचना देने पर ₹10,000 जुर्माना और तीन माह का कारावास हो सकता है।
– लिव-इन रिलेशन को नोटिस मिलने के बाद भी पंजीकृत न कराने पर अपराध माना जाएगा , जिसमें छह माह की कैद और ₹25,000 जुर्माना लगाया जा सकता है।
बहु-विवाह और तलाक के मामलों में सख्त दंड
– एक से अधिक पत्नी रखना अब अपराध माना जाएगा, जिसमें दोषी को तीन वर्ष की कैद और ₹1,00,000 तक जुर्माना भुगतना पड़ेगा।
– तलाक और विवाह विच्छेद में भी दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन हिंसा के मामलों पर कठोर प्रावधान लागू होंगे।
– जुर्माना अदा न करने पर कारावास की अवधि छह माह तक बढ़ाई जा सकती है।
चार खंडों में सौंपी गई रिपोर्ट
यूसीसी लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने जुलाई 2024 में चार खंडों में अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर नियमावली का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे अब मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिलनी बाकी है।
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