हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव की अधिसूचना जारी न होने से नाराज छात्रों ने आत्मदाह का प्रयास कर माहौल को तनावपूर्ण बना दिया। शुक्रवार को कॉलेज के तीन छात्रों—हर्ष वर्मा, ललित सिंह और मनीष बिष्ट—ने प्राचार्य कक्ष की छत पर चढ़कर खुद पर डीजल उड़ेल लिया। उनकी मांग थी कि चुनावी अधिसूचना तुरंत जारी की जाए। पुलिस के हस्तक्षेप से हालात संभाले गए, लेकिन करीब 1:30 घंटे तक परिसर में अफरा-तफरी का माहौल रहा।
प्रदर्शन ने बिगाड़ा माहौल, पुलिस ने फटकार लगाकर शांत किया मामला
कॉलेज प्रशासन को पहले से आशंका थी कि चुनावी मुद्दे को लेकर हंगामा हो सकता है, इसलिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कोतवाल राजेश यादव के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी, और प्राचार्य कक्ष की छत के गेट को पहले ही ताले से बंद कर दिया गया था। लेकिन तीनों छात्र पिछली ओर के रास्ते से छत पर चढ़ गए और गेट पर अंदर से ताला जड़ दिया, जिससे पुलिस और शिक्षकों के बीच अफरा-तफरी मच गई।छात्रों को डीजल से भीगा देख पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। हालांकि, गेट पर दूसरा ताला लगा होने के कारण उन्हें छत पर पहुंचने में दिक्कत आई। आखिरकार पुलिस ने ताला तोड़कर तीनों को नीचे उतारा और फटकार लगाई। पुलिस ने तीनों छात्रों से लिखित माफीनामा लिया और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ा।
एनएसयूआई ने 24 घंटे में चुनावी घोषणा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी
एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव रक्षित बिष्ट ने प्राचार्य एनएस बनकोटी से मुलाकात कर चुनाव की तिथि घोषित करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 24 घंटे के भीतर चुनावी अधिसूचना जारी नहीं की गई, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। वहीं, चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे अन्य दावेदारों ने भी जल्द से जल्द चुनावी प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
शिक्षकों से माफी मांगते नजर आए प्रदर्शनकारी छात्र
पुलिस और शिक्षकों के हस्तक्षेप के बाद तीनों छात्रों ने अपनी गलती स्वीकार की और माफी मांगी। प्राध्यापकों ने भविष्य में ऐसी हरकत न करने की हिदायत देते हुए उन्हें सख्त फटकार लगाई। छात्रों ने भी भविष्य में अनुशासन बनाए रखने का आश्वासन देते हुए लिखित माफीनामा सौंपा।
बाहरी युवकों की दबंगई से कॉलेज प्रशासन परेशान
कॉलेज परिसर में बाहरी युवकों की घुसपैठ और अनुशासनहीनता से स्थिति और गंभीर बनी हुई है। शिक्षकों द्वारा आईडी चेकिंग के बावजूद, पिछले साल चुनाव लड़ चुके एक पूर्व छात्र ने अपने साथियों के साथ जबरन परिसर में प्रवेश किया। चेकिंग के दौरान उसने शिक्षकों से अभद्रता भी की, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों पर सख्ती बरती जा रही है, लेकिन असामाजिक तत्वों को रोक पाने में प्रशासन विफल साबित हो रहा है।
छात्र संघ चुनाव की मांग पर बढ़ता दबाव
चुनावी तिथि की घोषणा में हो रही देरी से छात्रों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। छात्रों और छात्र संगठनों ने जल्द चुनाव कराने की मांग करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन तेज होगा। प्रशासन पर अब जल्द से जल्द चुनावी अधिसूचना जारी करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
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