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मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अकादमी में मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के रूप में कार्यरत 22 वर्षीय अनुकूल रावत ने अपने सरकारी आवास में साड़ी पहनकर और श्रृंगार कर फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बरामद किया और स्वजनों को घटना की जानकारी दी। प्रारंभिक जांच में युवक की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात सामने आई है, हालांकि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

सरकारी आवास में मिला शव, पुलिस जांच में जुटी

मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के उफल्डा गांव निवासी अनुकूल रावत ने हाल ही में एलबीएसएनएए में नौकरी शुरू की थी और मसूरी में स्थित अपने सरकारी आवास में अकेले रह रहा था। पिछले दो दिनों से वह कार्यालय नहीं गया था, जिसके बाद अकादमी प्रशासन ने उसका हालचाल लेने के लिए कर्मचारियों को भेजा। जब दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला, तो खिड़की से झांककर देखा गया। अनुकूल को फांसी पर लटका देखकर कर्मचारियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मसूरी के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा कारपेंटर की मदद से तोड़ा, जहां युवक को साड़ी और श्रृंगार में फंदे से लटका पाया गया। पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि अनुकूल मानसिक तनाव से गुजर रहा था। स्वजनों के आने के बाद ही मामले में और जानकारी मिल सकेगी।

मानसिक कुंठा और पहचान संघर्ष हो सकता है कारण समाज

शास्त्रियों के अनुसार, इस तरह की घटनाएं उन लोगों में देखी जाती हैं जो अपने भीतर की असली पहचान से जूझ रहे होते हैं। कई बार ऐसे व्यक्ति विपरीत लिंगी पहचान या ट्रांसजेंडर भावनाओं के कारण मानसिक दबाव में रहते हैं। पुरुष शरीर में जन्म लेने के बावजूद उनकी मनोवैज्ञानिक पहचान महिला की तरह होती है, लेकिन सामाजिक भय, कलंक और परिवार की स्वीकृति न मिलने के डर से वे खुलकर अपने जीवन को नहीं जी पाते। ऐसी स्थिति में वे अक्सर अकेले में महिलाओं जैसे परिधान पहनते हैं और श्रृंगार करते हैं। समाज में अस्वीकार्यता की भावना, आत्म-सम्मान के संकट और मानसिक दबाव के कारण व्यक्ति कभी-कभी आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेता है। अनुकूल रावत की आत्महत्या भी शायद इसी प्रकार की मानसिक कुंठा और आंतरिक संघर्ष का परिणाम हो सकती है।

पंतनगर एयरपोर्ट पर भी हुई थी ऐसी घटना

यह घटना उत्तराखंड में इस तरह का पहला मामला नहीं है। इसी साल 24 जून को पंतनगर एयरपोर्ट पर तैनात असिस्टेंट मैनेजर (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) आशीष चौसाली ने भी श्रृंगार कर, माथे पर बिंदी और होंठों पर लिपस्टिक लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पिथौरागढ़ के कांडा गांव के निवासी 35 वर्षीय आशीष ने अपने आवास में फांसी लगाकर जान दे दी थी।

पुलिस कर रही आत्महत्या के कारणों की गहन जांच मसूरी

पुलिस का कहना है कि फिलहाल घटना के पीछे का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं है। मृतक के परिजनों से पूछताछ के बाद ही उसके मानसिक स्वास्थ्य और जीवन की परिस्थितियों के बारे में अधिक जानकारी मिल सकेगी। पुलिस हर संभव पहलू की जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे के कारणों का पता चल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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