उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी मां सावित्री देवी (80 वर्ष) से मिलने के लिए रविवार को उत्तराखंड पहुंचे। उनकी मां पिछले कुछ दिनों से जौलीग्रांट स्थित हिमालयन अस्पताल में उपचाराधीन हैं। मुख्यमंत्री योगी का राजकीय चार्टर विमान रविवार दोपहर 12:45 पर देहरादून एयरपोर्ट पर उतरा, जहां से वे सड़क मार्ग द्वारा अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और प्रशासन ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को गोपनीय रखा। हालांकि, यह बताया गया कि मुख्यमंत्री की मां को 8 अक्टूबर से स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। योगी आदित्यनाथ के इस दौरे के साथ ही उनके बदरीनाथ धाम जाने की योजना भी बताई जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर इस यात्रा की सभी तैयारियों को सुनिश्चित किया गया है।—
विश्व प्रसिद्ध भजन गायक कृष्णदास ने परमार्थ निकेतन में की भव्य गंगा आरती में भागीदारी
उत्तराखंड दौरे के दौरान, भजन गायक कृष्णदास ने परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा आरती में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती से मुलाकात की। कृष्णदास ने गंगा के पावन तट पर आयोजित इस आरती को अद्वितीय और दिव्य अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि गंगा आरती में भाग लेने से साधकों को आध्यात्मिक ऊर्जा और आंतरिक शांति का अनुभव प्राप्त होता है। इस दौरान योग, ध्यान और भक्ति की महिमा पर भी गहन चर्चा की गई।
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस और दुर्गाष्टमी पर कन्याओं के पूजन का संदेश
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने इस अवसर पर दुर्गाष्टमी और अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का महत्व भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दुर्गाष्टमी के दिन देवी रूपी कन्याओं का पूजन करना नारी शक्ति का सम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक है। समाज की प्रगति के लिए नारी शक्ति का सम्मान अत्यंत आवश्यक है। स्वामी जी ने पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर देते हुए लोगों से अपील की कि इस विशेष दिन पर एक पेड़ को बेटी के नाम समर्पित कर उसे लगाने का संकल्प लें। इससे न केवल बेटियों के महत्व को सम्मान मिलेगा, बल्कि पर्यावरण की रक्षा के प्रयासों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। —
योगी आदित्यनाथ की मां से भेंट और उनके बदरीनाथ धाम जाने की संभावित योजना के साथ यह दौरा प्रशासन और सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रहा। वहीं, कृष्णदास के भजन और गंगा आरती में भागीदारी ने अध्यात्मिकता का माहौल और प्रबल कर दिया।
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