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देशभर में रेलवे ट्रैक पर हो रही अवरोधक गतिविधियों के क्रम में उत्तराखंड के रुड़की में भी एक चिंताजनक घटना सामने आई है। शनिवार को रुड़की के समीप ढंडेरा रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर खाली एलपीजी गैस सिलेंडर पाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही लक्सर रेलवे पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और सिलेंडर को कब्जे में लिया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई भी ट्रेन ट्रैक से नहीं गुजरी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। फिलहाल रेलवे पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

मालगाड़ी के चालक ने दी सूचना

घटना का पता उस समय चला जब एक मालगाड़ी के चालक ने ढंडेरा स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर पड़ा देखा। उसने तुरंत मुरादाबाद स्थित रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी, जिसके बाद रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे और ट्रैक से सिलेंडर को हटाया। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और अन्य रेलवे अधिकारियों ने आसपास के पांच किलोमीटर के दायरे में गहन तलाशी अभियान चलाया। हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सिलेंडर ट्रैक पर कैसे और कहां से आया। सिलेंडर फिलहाल स्टेशन मास्टर के पास रखा गया है।

वरिष्ठ अधिकारियों ने लिया संज्ञान

घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त शानमूंग वडिवाल एस ने भी घटनास्थल का दौरा किया और जांच के निर्देश दिए हैं। ढंडेरा स्टेशन से सेना का नियमित मूवमेंट होता है, जिसमें सैन्य वाहनों और जवानों को मालगाड़ियों के जरिये अन्य पोस्टों पर भेजा जाता है। ऐसे में रेलवे ट्रैक पर इस तरह सिलेंडर का पाया जाना सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।

आतंकी धमकियों से भी जुड़ा मामला

रुड़की और आसपास के रेलवे स्टेशनों को पहले भी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से धमकी भरे पत्र मिल चुके हैं, जिनमें रेलवे स्टेशनों को उड़ाने की धमकी दी गई थी। इस पृष्ठभूमि में यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

चेन्नई में बागमती एक्सप्रेस की दुर्घटना से जुड़े सवाल

उधर, चेन्नई के पास कावरापेट्टई रेलवे स्टेशन पर मैसुरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस के एक खड़ी मालगाड़ी से टकराने की घटना भी रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। हादसे में नौ यात्री घायल हुए, जबकि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बागमती एक्सप्रेस को मुख्य लाइन से गुजरने की अनुमति थी, लेकिन ट्रेन लूप लाइन पर चली गई, जहां पहले से एक मालगाड़ी खड़ी थी। यह दुर्घटना पिछले साल ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन हादसे की याद दिलाती है, जिसमें कोरोमंडल एक्सप्रेस भी लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, और 297 लोगों की मौत हो गई थी। रेलवे विशेषज्ञ अब चेन्नई हादसे के कारणों की गहनता से जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

सुरक्षा एजेंसियों की जांच तेज

रुड़की में हुई घटना और चेन्नई हादसे के बाद रेलवे ने सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए हैं। पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल सभी संवेदनशील ट्रैक की निगरानी बढ़ा रहे हैं ताकि किसी भी साजिश को समय रहते विफल किया जा सके। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने यात्रियों से भी सतर्कता बरतने और किसी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की अपील की है।

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