उत्तराखंड के पवित्र धामों में शीतकाल के आगमन के साथ कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवंबर को बंद किए जाएंगे जिसके बाद भगवान की डोली 21 नवंबर को रांसी, 22 को गिरिया और 23 को गद्दी स्थल ऊखीमठ पहुंचेगी। वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजयदशमी के अवसर पर घोषित की जाएगी।
बदरीनाथ धाम में कपाट बंद करने की तिथि हर साल पौराणिक परंपराओं के अनुसार विजयदशमी पर्व पर घोषित की जाती है। इस साल भी शनिवार को दोपहर 11:30 बजे से पंचांग गणना के आधार पर कपाट बंद होने की तिथि तय की जाएगी। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी (रावल) अमरनाथ नंबूदरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्यगण और प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट इस अवसर पर पंचांग गणना करेंगे और समारोहपूर्वक तिथि घोषित की जाएगी।इसके साथ ही अगले साल यात्रा काल के दौरान भंडार की व्यवस्थाओं के लिए कमदी, भंडारी, मेहता थोक के हक-हकूक धारियों को सम्मानस्वरूप पगड़ी भेंट की जाएगी।
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बदरीनाथ और मदमहेश्वर धामों में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, और हर साल हजारों श्रद्धालु इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनते हैं।