हरिद्वार जिला प्रशासन ने भ्रूण लिंग जांच पर रोक लगाने के लिए एक अहम कदम उठाते हुए मुखबिर योजना के तहत इनाम की राशि को दोगुना कर दिया है।
अब भ्रूण लिंग जांच की सूचना देने पर 2 लाख रुपये का इनाम मिलेगा, जो पहले 1 लाख रुपये था। यह फैसला जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम (पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम) की धाराओं को सख्ती से लागू करने के उद्देश्य से लिया है।जिलाधिकारी ने यह निर्देश दिया है कि सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अभिलेखों का सही तरीके से रखरखाव किया जाए। साथ ही, भ्रूण लिंग जांच को रोकने के लिए चल रही मुखबिर योजना के तहत अब सूचना देने वाले व्यक्ति या सहयोगी को 2 लाख रुपये का इनाम मिलेगा।
जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर सभी नियमों का पालन होना चाहिए।
अभिलेखों का रखरखाव फार्म-एफ के तहत होना चाहिए, जिसमें गर्भवती महिलाओं की जानकारी दर्ज की जाती है।
यह भी पढ़ें:उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने किसानों की समस्या का किया त्वरित समाधान, खेत में लगवाया बिजली का खंभा
इसके साथ ही, केंद्रों में किसी भी प्रकार के बदलाव की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय को दी जानी चाहिए, और अनुमति के लिए भौतिक सत्यापन आवश्यक होगा। इसके अलावा, जिलाधिकारी ने रेडियोलॉजिस्ट और स्त्री रोग विशेषज्ञों को केंद्र में किसी भी प्रकार के परिवर्तन की सूचना देकर अनुमति लेने के आदेश दिए।