राज्य में 15.88 लाख घरों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे बिजली बिल संबंधी विवाद और बिजली चोरी पर रोक लगेगी। यह मीटर उपभोक्ता की खपत के अनुसार सटीक बिल प्रदान करेगा, जिससे मीटर तेज चलने या रीडिंग में गड़बड़ी की शिकायतें समाप्त होंगी। यूपीसीएल द्वारा पिटकुल से प्राप्त होने वाली हर यूनिट बिजली का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा, जिससे उपभोक्ताओं को बिल संबंधी समस्याओं के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरकारी कनेक्शनों के मामले में भी समस्याएं कम होंगी और प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी या उपनल कर्मचारी बिल वसूली के काम में नहीं लगाए जाएंगे।
सरकार की योजना पर उठाए सवाल, कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों का विरोध किया है। उनका कहना है कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि पुराने मीटर क्यों बदले जा रहे हैं और स्मार्ट मीटर में क्या विशेषताएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर जोर दे रही है। आर्य ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से स्मार्ट मीटरों को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतें सामने आई हैं, और उन पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
स्मार्ट मीटर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी: भाजपा
भाजपा विधायक और प्रवक्ता खजान दास ने स्मार्ट मीटरों को राज्य की अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि कांग्रेस को न तो बिजली चोरी रुकने में रुचि है और न ही उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं दिलाने में। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपभोक्ता हितों के प्रति गंभीरता की प्रशंसा की और कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली देने का फैसला लिया है।