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उत्तराखंड राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज को नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) से मान्यता प्राप्त हो गई है। इस मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2024-2025 के लिए 100 एमबीबीएस सीटों की अनुमति मिली है, जिनमें से 85 सीटें राज्य कोटे के अंतर्गत हैं। इससे एमबीबीएस की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के पास अब अधिक विकल्प होंगे।

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस सीटों को मिली मंजूरी

राज्य सरकार ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस सीटों के प्रस्ताव को एनएमसी के समक्ष प्रस्तुत किया था। हालांकि, प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान एनएमसी ने कुछ खामियों की वजह से प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद दूसरी अपील के आधार पर, एनएमसी ने पुनः निरीक्षण और दस्तावेजों की समीक्षा कर कॉलेज को मान्यता प्रदान की। वर्तमान में कॉलेज में 39 फैकल्टी सदस्य (13 प्रोफेसर, 7 एसोसिएट प्रोफेसर, 19 असिस्टेंट प्रोफेसर) और 26 सीनियर रेजिडेंट्स/ट्यूटर कार्यरत हैं।

राज्य सरकार का आश्वासन

राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सत्र शुरू होने से पहले आवश्यक बुनियादी ढांचे और फैकल्टी की कमी को पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ ही, अस्पताल में चल रही चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाने के साथ-साथ ओपीडी और अन्य चिकित्सा सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद

चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा। स्थानीय छात्रों को अब उत्तराखंड में ही उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का भी व्यापक विस्तार होगा। इसके अलावा, हरिद्वार और आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार होगा, जिससे स्थानीय निवासियों को समय पर बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। राज्य सरकार इस मेडिकल कॉलेज के माध्यम से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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