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देहरादून: लक्सर ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी (BDO) के खिलाफ विजिलेंस जांच में आय के अनुपात में 314% अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ है। आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति खरीदी, जिसमें मर्सिडीज जैसी महंगी कारें भी शामिल हैं। मामले की गहराई से जांच में यह तथ्य सामने आया कि वर्ष 2020 में उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच एजेंसी ने 11 वर्षों के दौरान अर्जित संपत्ति का विश्लेषण किया है।

पता चला कि वैध आय से अर्जित संपत्ति से कहीं अधिक है उनका खर्चा:

विजिलेंस ने BDO रामपाल की संपत्ति और आय की तुलना की। 1 जनवरी 2007 से 31 दिसंबर 2018 तक की अवधि में उनके वैध स्रोतों से केवल डेढ़ करोड़ रुपये की आय का पता चला, जबकि इसी अवधि में उन्होंने 6.23 करोड़ रुपये का व्यय किया। विवेचना में यह बात स्पष्ट हुई कि उनकी आय से 4.72 करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित की गई, जोकि उनकी आय के सापेक्ष 314% अधिक है।

संपत्ति का विवरण देने में रहे असमर्थ:

विजिलेंस ने जब उनसे करोड़ों रुपये की संपत्ति के स्रोतों का विवरण मांगा, तो BDO रामपाल कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। जांच में पाया गया कि उन्होंने अपनी पत्नी पूनम सिंह के नाम पर हरिद्वार जिले में सात भूखंड, गाजियाबाद में एक डुप्लेक्स बिल्डिंग, बुलंदशहर में एक भूखंड, एक मर्सिडीज और एक हुंडई कार, दो एक्टिवा स्कूटर और एक बुलेट बाइक खरीदी है।

आरोपित को गिरफ्तार किया गया

प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर सरकार ने BDO रामपाल के खिलाफ न्यायालय में अभियोजन चलाने की अनुमति दी। उन्हें देहरादून स्थित विजिलेंस कार्यालय में बुलाया गया, जहां से उन्हें गिरफ्तार कर चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

जनता से अपील:

विजिलेंस निदेशक डॉ. वी. मुरुगेसन ने जनता से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी, कर्मचारी या लोक सेवक रिश्वत मांगता है या उसके पास आय से अधिक अवैध संपत्ति है, तो वे सतर्कता विभाग के टोल-फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर इसकी सूचना दे सकते हैं।

28 मामलों की खुली जांच जारी:

आय से अधिक संपत्ति के मामलों में वर्तमान में 28 मामलों की विजिलेंस द्वारा खुली जांच चल रही है। इनमें तीन ट्रैप, 12 एफआईआर और 13 अन्य प्रकरण शामिल हैं। इस वर्ष के पहले आठ महीनों में प्रदेश भर में 22 ट्रैप ऑपरेशन किए गए, जिनमें 29 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 4 राजपत्रित और 25 गैर-राजपत्रित अधिकारी शामिल हैं।

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