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देहरादून: जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं पर त्वरित और प्रभावी नियंत्रण के लिए उत्तराखंड वन विभाग ने एक नई डिजिटल पहल की घोषणा की है। विभाग द्वारा “फॉरेस्ट फायर उत्तराखंड” नामक एक मोबाइल एप तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य जंगल की आग से जुड़ी घटनाओं की जानकारी प्राप्त कर, कम से कम समय में प्रतिक्रिया देना है। इस एप के माध्यम से न केवल वन विभाग के अधिकारी बल्कि आम नागरिक और पर्यटक भी जंगल की आग की सूचना जियो-टैग्ड इमेज के साथ सीधे कंट्रोल रूम तक पहुंचा सकेंगे। वन विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में एप की प्रगति की समीक्षा की और इसे और अधिक उन्नत बनाने पर जोर दिया। इस एप के साथ, विभाग पांच हजार कर्मियों और वालंटियर्स की मदद से आगामी जंगल की आग के मौसम में प्रभावी नियंत्रण की योजना बना रहा है। वन विभाग के अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा, गढ़वाल के अपर प्रमुख वन संरक्षक नरेश कुमार और सभी प्रभागीय वनाधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे। यह एप जंगल की आग से संबंधित सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक रियल-टाइम डैशबोर्ड भी प्रदान करेगा, जिससे रिस्पांस टाइम में महत्वपूर्ण कमी आएगी। विभाग ने 1400 से अधिक क्रू स्टेशनों की GIS मैपिंग की है, जिससे आग की घटनाओं पर निगरानी और कार्रवाई की प्रक्रिया को तेज किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि 2020 से 2022 के दौरान आईएफएस अधिकारी वैभव कुमार सिंह द्वारा रुद्रप्रयाग में इस तरह की डिजिटल तकनीक के सफल संचालन के लिए केंद्र सरकार ने उन्हें नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड-2022 से सम्मानित किया था।उत्तराखंड वन विभाग की यह पहल जंगल की आग से निपटने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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