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रुद्रप्रयाग जिले के मचकंडी गांव में देर रात हुए भूस्खलन ने 17 परिवारों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया। यह घटना ऊखीमठ विकास खंड के मचकंडी ग्राम सभा के गोबला तोक क्षेत्र में घटित हुई, जहां लगातार पिछले 24 घंटों से भूस्खलन जारी है। प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है, जबकि राहत सामग्री और आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

भूस्खलन के बाद त्वरित राहत अभियान

रात के अंधेरे में शुरू हुए इस भूस्खलन ने पूरे गांव को दहशत में डाल दिया। गोबला तोक में रह रहे 17 परिवारों में से छह परिवार भणज के ग्वाड़ तोक में स्थानांतरित किए गए, जबकि बाकी के परिवार मचकंडी के पंचायत भवन, स्कूल और खाली गौशालाओं में अस्थाई रूप से ठहरे। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम मौके पर पहुंची और पीड़ितों के लिए तत्काल राहत सामग्री जैसे राशन, सोलर लालटेन और तिरपाल वितरित किए। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण किया और आवश्यक दवाएं वितरित कीं।

रेड क्रॉस और स्थानीय नेताओं का सहयोग

जिला प्रशासन के साथ-साथ रेड क्रॉस की टीम भी राहत कार्यों में सक्रिय रही। पूर्व विधायक मनोज रावत, जिला पंचायत सदस्य सुमन नेगी और अन्य स्थानीय नेताओं ने प्रभावितों को सहायता पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। पूर्व विधायक मनोज रावत ने प्रशासन से मांग की कि प्रभावित परिवारों को पर्याप्त राशन, तेल, मसाले और ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अलग-अलग स्थानों पर ठहरे परिवारों को सोलर लाइट और लालटेन मुहैया कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।

अस्थायी व्यवस्था और भविष्य की मांगें

पूर्व विधायक ने गौशालाओं में रह रहे परिवारों के लिए अस्थायी जल कनेक्शन और प्रभावित बुजुर्गों के इलाज के लिए मेडिकल टीम की मांग भी की है। प्रशासन की ओर से टेंट और कंबल जैसी आवश्यक सामग्री प्रदान की गई है, ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत मिल सके।राहत कार्य अभी भी जारी है, और प्रशासन व आपदा प्रबंधन की टीमें स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं, ताकि आगे किसी भी संभावित खतरे से निपटा जा सके।l

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