देहरादून: उत्तराखंड में सख्त भू कानून जल्द ही लागू होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य स्थापना दिवस, 9 नवंबर से पहले ही इस कानून के क्रियान्वयन की तैयारी में जुटी है। सरकार को सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता वाली समिति अगले महीने अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में मजबूत भू कानून लागू करने के पक्षधर रहे हैं। इसी उद्देश्य से उन्होंने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की थी, जिसने 5 सितंबर, 2022 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में राज्य के विभिन्न जिलों में बड़े पैमाने पर हो रही भूमि खरीद और बिक्री पर सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि औद्योगिक प्रयोजनों के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि का अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।रिपोर्ट के आधार पर, मुख्यमंत्री ने सशक्त भू कानून की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में एक नई समिति का गठन किया है। यह समिति कृषि और औद्यानिक प्रयोजनों के लिए जिलाधिकारी से भूमि खरीदने की प्रक्रिया में संशोधन और वर्तमान भू कानून को सशक्त बनाने के विभिन्न पहलुओं पर मंथन कर रही है।साथ ही, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति भी सुभाष कुमार समिति की रिपोर्ट का गहन अध्ययन कर रही है। इस उपसमिति की बैठक में हाल ही में जिलों को आवश्यक जानकारी जल्द भेजने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि समिति अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सरकार को सौंप सके।माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में दोनों समितियों की एक और बैठक होगी, जिसके बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। इन रिपोर्ट्स के आधार पर सरकार सख्त भू कानून के क्रियान्वयन का रास्ता साफ करेगी, जिससे भूमि उपयोग के अनियंत्रित प्रकरणों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
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