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उत्तरकाशी में रुक-रुक कर हो रही बारिश और अगले 24 घंटों के लिए जारी भारी बारिश के अलर्ट ने वरुणावत पर्वत के नीचे बसे निवासियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस इलाके में भूस्खलन का खतरा पहले से ही बना हुआ है, जो बारिश के साथ और बढ़ गया है।पिछले महीने 27 अगस्त की रात को वरुणावत पर्वत से भूस्खलन हुआ था, जिसके बाद से अब तक दो से तीन बार बड़े पत्थर और मलबा गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। तीन सितंबर की रात को बारिश के दौरान पर्वत से भूस्खलन की तेज आवाज ने लोगों को और ज्यादा डराया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने लगभग 32 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए नोटिस जारी किया। कई परिवारों ने प्रशासन की सलाह पर अपने घर छोड़ दिए और सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। कुछ दिनों तक मौसम सामान्य रहा, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से फिर से रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को उत्तरकाशी सहित रुद्रप्रयाग और टिहरी जिलों के लिए अगले 40 घंटों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया। इससे वरुणावत पर्वत की तलहटी में बसे गोफियारा और मस्जिद मोहल्ला के निवासियों की चिंताएं और बढ़ गई हैं। मस्जिद मोहल्ला के निवासी इश्तियाक अहमद का कहना है कि हर बारिश के दौरान भूस्खलन का डर बना रहता है। इसी तरह मोहम्मद मुश्ताक, युसुफ खान, अमित सोनी और भटवाड़ी रोड के व्यवसायी प्रकाश भद्री ने भी चिंता जताई है कि लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बढ़ रहा है। इन निवासियों ने प्रशासन से पूर्व में आए भूस्खलन के मलबे को जल्द से जल्द हटाने की मांग की है ताकि भविष्य में होने वाले किसी भी खतरे से बचा जा सके।

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