देहरादून। यातायात और पुलिस महानिरीक्षक अरुण मोहन जोशी ने हाल ही में यातायात व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने शहर के प्रमुख चौराहों और तिराहों पर लगाए गए इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) की उपयोगिता पर चर्चा की। शहर के 107 स्थानों पर लगे इन ईसीबी से अब तक 15,401 नागरिकों ने सहायता प्राप्त की है। उन्होंने निर्देश दिया कि ईसीबी को और अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि आमजन आकस्मिक स्थिति में त्वरित सहायता प्राप्त कर सकें।बैठक में यह भी तय हुआ कि देहरादून में खराब पड़ी ट्रैफिक लाइटों को सुधारने के लिए यातायात विभाग को दो सप्ताह का समय दिया गया है। यातायात अधीक्षक को निर्देशित किया गया है कि वे संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर इस समस्या का समाधान करें। यदि तय समय में खराब ट्रैफिक लाइटें ठीक नहीं हो पाती हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। अरुण मोहन जोशी ने मंगलवार को आईटीडीए स्थित दून इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (डीआईसीसीसी) का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) और स्पीड वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम (एसवीडीएस) कैमरों द्वारा की जा रही चालानी प्रक्रिया का अवलोकन किया। साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि जिन स्थानों पर ये कैमरे लगे हैं, वहां सूचना बोर्ड लगाए जाएं ताकि वाहन चालकों को यह जानकारी हो कि वे निगरानी में हैं और किसी भी प्रकार का उल्लंघन करने पर उनका चालान हो सकता है।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि चालानी प्रक्रिया में जिन मामलों में मोबाइल नंबर प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं, उन्हें शीघ्रता से निपटाया जाए ताकि चालान लंबित न रहें। समीक्षा बैठक के दौरान यातायात प्रवर्तन और निगरानी की पूरी प्रक्रिया का भी निरीक्षण किया गया और यातायात कर्मियों की भूमिका पर चर्चा की गई। महानिरीक्षक ने यातायात के प्रवर्तन कार्यों में और अधिक जनशक्ति के उपयोग पर जोर दिया, ताकि यातायात व्यवस्था को अधिक सुचारु रूप से संचालित किया जा सके।
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