देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत ट्रेकिंग रूट्स के नजदीक होम स्टे बनाने वालों को प्रति कमरे 60 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। साथ ही, पहले से बने भवनों के कमरों को सुसज्जित करने के लिए 25 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना से न केवल पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

2 किलोमीटर के दायरे में होम स्टे पर मिलेगा अनुदान

योजना के अनुसार, ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर और उससे सटे ट्रेकिंग रूट के दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में यदि कोई व्यक्ति नया भवन निर्माण करता है तो उसे प्रति कक्ष 60 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा, बशर्ते भवन में शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। वहीं, जिनके पास पहले से भवन बने हैं, उन्हें अपने कक्षों को सुसज्जित करने के लिए 25 हजार रुपये तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।

पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का प्रयास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया जाए। इससे न सिर्फ पर्यटकों और ट्रेकर्स के लिए आवास की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। साथ ही, यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने में भी सहायक होगी।

स्थानीय संस्कृति और स्थापत्य शैली का होगा संवर्धन

यह योजना केवल होम स्टे विकास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके तहत पहाड़ी शैली और स्थानीय स्थापत्य कला को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। योजना के तहत होम स्टे संचालक का परिवार भी उसी स्थान पर रहना अनिवार्य है, जिससे पर्यटक स्थानीय संस्कृति से भी सीधे तौर पर परिचित हो सकें। उत्तराखंड सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ पर्यटन का विस्तार करना है, बल्कि ग्रामीण समुदायों की भागीदारी को भी सुनिश्चित करना है।

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