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उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित कोटा गांव में पिछले कुछ समय से आतंक का कारण बने आदमखोर गुलदार को आखिरकार वन विभाग की टीम ने ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ लिया। यह गुलदार 19 अगस्त की रात को ग्राम कोटा में खेल रहे एक बच्चे, आदित्य, पर हमला कर उसकी जान ले चुका था। इस घटना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल था।वन विभाग की टीम लगातार इस आदमखोर गुलदार की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। 26 अगस्त को कोटा गांव में एक गुलदार पिंजरे में कैद हुआ, लेकिन क्षेत्र में गुलदार की गतिविधियां फिर भी जारी रहीं।

वन विभाग ने अपनी कोशिशें तेज कर दीं और आखिरकार सोमवार, 2 सितंबर की रात करीब पौने नौ बजे वन विभाग की टीम ने गुलदार को ट्रैंक्यूलाइज कर पकड़ने में सफलता हासिल की। उप प्रभागीय वनाधिकारी पवन नेगी ने बताया कि गुलदार के बेहोश होने के बाद उसे सुरक्षित रूप से पिंजरे में डाल दिया गया और उसे गढ़वाल वन प्रभाग की पोखड़ा रेंज में ले जाया गया।

गौरतलब है कि आदित्य की मौत के बाद से ही क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल था। आदित्य अपनी मां अर्चना देवी के साथ सोमवार की सुबह ही अपने घर उनेरी से ननिहाल कोटा आया था, और शाम को घर के आंगन में खेलते वक्त गुलदार ने उस पर घातक हमला कर दिया। आदित्य का शव देर रात जंगल में बरामद हुआ। वन विभाग के इस प्रयास से क्षेत्र के लोगों को थोड़ी राहत मिली है।

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