उत्तराखंड के देहरादून में साइबर अपराधियों द्वारा एक महिला सैन्य अधिकारी को “डिजिटल अरेस्ट” का शिकार बनाया गया, जिससे वह 15 लाख रुपये की ठगी का शिकार हो गईं। पीड़िता नीरू, जो भारतीय सेना के मिलिट्री नर्सिंग स्टाफ में कार्यरत हैं, हाल ही में सूडान से अपने घर देहरादून आई थीं।
17 अगस्त को नीरू को एक फोन कॉल आई, जिसमें दावा किया गया कि उनका बैंक खाता संदेहास्पद गतिविधियों में शामिल है और उनके मोबाइल नंबर को बंद किया जा रहा है। इसके बाद, कॉल पर जुड़ने वाले व्यक्ति ने बताया कि उनके नाम पर एक और मोबाइल नंबर मुंबई में सक्रिय है और इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद आरोपियों ने नीरू को एक वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क किया, जिसमें एक व्यक्ति पुलिस की वर्दी में दिखाया गया। उसने नीरू को बताया कि उनका कैनरा बैंक अकाउंट मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उपयोग हुआ है और इस मामले में उनके खिलाफ कई सबूत हैं।
डराने और भ्रमित करने के बाद, नीरू से तुरंत 15 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया, ताकि मामले को सुलझाया जा सके। डर और भ्रम की स्थिति में नीरू ने वह रकम ट्रांसफर कर दी। पांच घंटे तक उन्हें ऑनलाइन बंधक बनाकर रखा गया, ताकि वह किसी से संपर्क न कर सकें। बाद में शक होने पर, नीरू ने आरोपियों की जांच की और पाया कि वह पुलिस और सीबीआई नहीं, बल्कि साइबर अपराधी थे।
कैसे बच सकते हैं ऐसे साइबर फ्रॉड से:
1. अनजान कॉल से सतर्क रहें:अगर कोई केवाईसी अपडेट या अन्य किसी बहाने से कॉल करता है, तो अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें और कॉल की सत्यता जांचें।
2. अपरिचित ऐप्स से बचें: कोई भी एप्लिकेशन डाउनलोड करने से पहले उसकी सुरक्षा और आवश्यकता की जांच करें।
3. बैंक से संपर्क करें:किसी भी वित्तीय लेन-देन या बैंक से संबंधित जानकारी को लेकर अपने बैंक से सीधे संपर्क करें।
4. फर्जी पुलिस कॉल्स से सतर्क रहें: व्हाट्सएप या अन्य माध्यमों से अगर कोई व्यक्ति पुलिस का परिचय देकर पैसे मांगता है, तो तुरंत सत्यापन करें।
5. शेयर मार्केट के फ्रॉड से सावधान रहें:शेयर मार्केट में मोटे मुनाफे का लालच देने वाले संदेशों से बचें और पहले कंपनी की प्रमाणिकता की जांच करें।इन सावधानियों के साथ, आप साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बच सकते हैं और अपने धन और निजी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं। रायपुर पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।