रविवार रात को राजधानी देहरादून में धरती हिल गई, जब भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.1 मापी गई, और इसका केंद्र देहरादून में जमीन से लगभग पांच किलोमीटर की गहराई में स्थित था। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम थी, इसलिए किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।
इस भूकंप के बाद प्रशासन ने अगले तीन से चार दिनों तक सतर्क रहने की योजना बनाई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ कुमार ने बताया कि भूकंप के केंद्र की जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की वेबसाइट से प्राप्त हुई, जिसके बाद जिला आपदा कंट्रोल रूम को अलर्ट कर दिया गया। सभी तहसीलों को सतर्क कर दिया गया है और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार किया गया है।
उत्तराखंड, विशेषकर देहरादून, भूकंप के प्रति संवेदनशील क्षेत्र में आता है। यह राज्य भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील जोन पांच में स्थित है, जहां रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, और उत्तरकाशी जैसे जिलों में भूकंप की आशंका अधिक रहती है। देहरादून और टिहरी जिलों के कुछ क्षेत्र भी जोन चार और जोन पांच में आते हैं।भूकंप की यह घटनाएं हिमालयी क्षेत्र में इंडो-यूरेशियन प्लेट्स की टकराहट के कारण होती हैं, जिसके चलते जमीन के भीतर से ऊर्जा बाहर निकलती रहती है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में भूगर्भीय तनाव की स्थिति लगातार बनी रहती है, जिससे समय-समय पर भूकंप आते रहते हैं।