उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में नौ महीने पहले सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया था, जिसके बाद राज्य और केंद्र सरकार की प्रशंसा हुई थी। इस रेस्क्यू अभियान में अनुमानित 100 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च हुई, लेकिन अब तक संबंधित खर्चों का भुगतान नहीं हुआ है। इस अभियान में उत्तरकाशी जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। खासतौर पर लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में 1.77 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन अब भुगतान के लिए व्यवसायी और संस्थान जिला प्रशासन के चक्कर लगा रहे हैं। यह भुगतान नेशनल हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) द्वारा किया जाना था, लेकिन पिछले नौ महीनों में जिला प्रशासन द्वारा सात बार पत्र भेजे जाने के बावजूद भी यह धनराशि अब तक जारी नहीं की गई है। #

सुरंग में भूस्खलन और रेस्क्यू अभियान

चारधाम परियोजना के तहत यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा-पोलगांव-बड़कोट के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी निर्माणाधीन सुरंग में पिछले वर्ष 12 नवंबर को भूस्खलन हुआ था। इस हादसे में सुरंग के भीतर 41 श्रमिक फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का बचाव अभियान चलाया गया था। इस रेस्क्यू अभियान में शामिल विभिन्न संस्थानों और विभागों ने कई करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन भुगतान के अभाव में अब यह उनके गले की फांस बन गई है।

### प्रमुख खर्चेबचाव अभियान के दौरान विभिन्न मदों में हुए खर्चे इस प्रकार हैं:

– विशेषज्ञों की सेवाओं पर

– श्रमिकों और उनके परिजनों की भोजन और ठहरने की व्यवस्था पर

– श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर देहरादून भेजने पर

– पेड़ों के पातन और पौधारोपण पर- पानी की निकासी के लिए लाइन बिछाने पर

– रेस्क्यू कार्य में लगी मशीनों के संचालन हेतु ट्रांसफार्मर और बिजली लाइन बिछाने पर

– पेयजल निगम द्वारा उपलब्ध कराए गए पाइपों पर

– पुलिस कर्मियों के रहने-खाने पर- रेस्क्यू कर्मियों के भोजन और वाहनों के ईंधन पर

– परिवहन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहनों पर#

## हादसा प्राकृतिक नहीं, मानव जनित आपदा

यह घटना प्राकृतिक आपदा नहीं थी, बल्कि इसे मानव जनित आपदा माना गया। इसी कारण राज्य और केंद्र सरकार ने आपदा राहत कोष से भुगतान करने से इनकार कर दिया। रेस्क्यू अभियान के चलते परियोजना में देरी भी हुई, जिससे बजट में भी वृद्धि हुई। राज्य और केंद्र की सभी एजेंसियों की ओर से लगभग 100 करोड़ से अधिक का खर्च हुआ। ##

# प्रमुख विभागों द्वारा खर्च की गई राशि (लाख रुपये में):

– वन विभाग: 7.47- ऊर्जा निगम: 14.15

– जल संस्थान: 18.86

– खाद्य आपूर्ति: 5.35

– जिला प्रशासन: 5.20

– संभागीय परिवहन: 3.20

– पेयजल निगम: 46

– आपदा प्रबंधन (एयरलिफ्ट): 35

– पुलिस विभाग: 8.00इन सभी खर्चों के बावजूद, अब तक भुगतान न होने के कारण ये विभाग और संस्थाएं कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

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