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सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद निर्माण कार्य में आई बाधा अब जल्द समाप्त होने की उम्मीद है। मलबे में बनाई जा रही ड्रिफ्ट टनलों में से एक की खुदाई 52 मीटर तक पूरी कर ली गई है और अब केवल आठ मीटर की खुदाई शेष है। इसे पूरा करने में करीब एक से दो महीने का समय लग सकता है। पिछले साल 12 नवंबर को यमुनोत्री हाईवे पर चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हुआ था, जिससे सुरंग के भीतर 41 मजदूर फंस गए थे। 17 दिन के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। भूस्खलन के बाद सुरंग के सिलक्यारा छोर पर मलबे के कारण निर्माण कार्य ठप हो गया था।राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) ने विशेषज्ञों की देखरेख में मलबे को हटाने के लिए तीन छोटी सुरंगों (ड्रिफ्ट टनल) का निर्माण करने का निर्णय लिया। इनमें से दो टनलों की खुदाई वर्तमान में जारी है, जिसमें से एक की खुदाई लगभग पूरी हो चुकी है। जल्द ही मलबे के आरपार आवाजाही शुरू हो जाएगी। मलबे को ठोस रूप में बदलने के बाद अत्यंत सावधानी के साथ ड्रिफ्ट टनल की खुदाई की जा रही है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो एक से दो महीने में सुरंग के भीतर मलबे के पार आवाजाही संभव हो सकेगी। निर्माण कंपनी नवयुगा इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार के अनुसार, सुरंग के बड़कोट छोर से भी खुदाई का काम तेज़ी से जारी है, और सिलक्यारा छोर से ड्रिफ्ट टनल निर्माण में उम्मीद के मुताबिक प्रगति हो रही है। निर्माण कार्य की इस प्रगति ने अधिकारियों और इंजीनियरों के बीच उत्साह बढ़ा दिया है।

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