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हल्द्वानी: वन विभाग को एक बड़ी सफलता हाथ लगी जब उन्हें सूचना मिली कि एक टैंकर में बड़ी मात्रा में लीसा तस्करी कर हल्द्वानी की ओर ले जाया जा रहा है। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए टैंकर का पीछा किया। टैंकर का चालक तेज गति से वाहन भगाते हुए फरार होने का प्रयास कर रहा था, लेकिन वन विभाग की मुस्तैद टीम ने आखिरकार उसे पकड़ लिया। हालांकि, चालक मौका पाकर टैंकर को छोड़कर फरार हो गया।इस घटना ने एक बार फिर से यह उजागर कर दिया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में लीसा तस्करी के लिए तस्कर नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इस बार तस्करों ने लीसा तस्करी के लिए पेट्रोल और डीजल ढोने वाले टैंकर का उपयोग किया, जो पहले से ही एक सुनियोजित योजना का हिस्सा था।वन विभाग के मनोरा रेंज के अधिकारी मुकुल शर्मा और उप रेंजर आनंद लाल ने अपनी टीम के साथ रानीबाग चेक पोस्ट पर वाहनों की जांच शुरू की। इसी दौरान एक संदिग्ध टैंकर (UP 25 FT 8425) तेजी से निकलने की कोशिश करता दिखा, जिसे टीम ने पीछा कर रोक लिया। जब टैंकर की जांच की गई तो उसमें भारी मात्रा में लीसा पाया गया, जिससे वन विभाग की टीम भी हैरत में पड़ गई। वन रेंज अधिकारी मुकुल शर्मा ने बताया कि टैंकर से 365 टिन लीसा बरामद किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 10 लाख रुपये है। बरामद किए गए लीसे को सुल्तानपुरी डिपो, काठगोदाम में सुरक्षित रखा गया है।यह उल्लेखनीय है कि लीसा एक अत्यंत कीमती वन उपज है, जिसका उपयोग तारपीन, वार्निश और अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों से तस्करी कर तस्कर इस लीसे से बड़ा मुनाफा कमाते हैं और इसके लिए नए-नए तरीकों का सहारा लेते हैं।

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वन विभाग की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि विभाग तस्करी के खिलाफ पूरी तरह से सजग और तत्पर है।

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