हल्द्वानी: कुसुम गुप्ता हत्याकांड में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही मामले का पर्दाफाश कर दिया है। इस घटना के पीछे संपत्ति विवाद सामने आया है। आरोपी गौरव गुप्ता ने पुलिस को बताया कि उसने पहले से ही अपनी चाची की हत्या करने का मन बना लिया था। इसके लिए उसने बर्तन बाजार से चाकू खरीदा और घर पहुंचकर चाची का बेरहमी से गला रेत दिया। घटना के बाद आरोपी गौरव मौके से फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने उसे रुद्राक्ष वाटिका के पास से गिरफ्तार कर लिया। गौरव ने स्वीकार किया कि संपत्ति के बंटवारे में चाची कुसुम बार-बार दखल दे रही थीं, जिससे वह नाराज था। इसी कारण उसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।घटना के दिन, कुसुम गुप्ता का पति कालीचरण राशन लेने के लिए बाहर गया हुआ था, जबकि कुसुम घर में अकेली थीं। घटना के वक्त घर के पास कबाड़ की दुकान चलाने वाले लालाराम और उनके बेटे विनोद ने कुसुम की चीखें सुनीं और मौके पर पहुंचकर देखा कि कुसुम खून से लथपथ पड़ी थीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। कुसुम गुप्ता ने मरने से पहले पुलिस को बताया कि उनके भतीजे गौरव ने ही उनकी हत्या की है। पुलिस ने इस बयान को वीडियो में सुरक्षित रखा है, जो मामले में मजबूत सबूत बन सकता है।कुसुम के भाई विनोद कुमार गुप्ता, जो ग्राम प्रधान हैं, ने पुलिस पर आरोप लगाया कि असली साजिशकर्ता कोई और है और पुलिस के पास अधूरी जानकारी है। उनका दावा है कि कुसुम की संपत्ति के पीछे उनके जीजा का हाथ हो सकता है। पोस्टमार्टम हाउस में इस मामले को लेकर हंगामा भी हुआ, जिसमें कुसुम का मायका पक्ष शव को अपने साथ ले जाने पर अड़ा रहा।
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इस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है और सच्चाई को उजागर करने का आश्वासन दिया है।