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उत्तराखंड में बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जितने पवित्र माने जाते हैं, उतनी ही महत्ता पंच बदरी और पंच केदार की भी है। इन धार्मिक स्थलों का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व देखते हुए अब उत्तराखंड सरकार ने इन्हें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल कराने की पहल शुरू कर दी है। इस दिशा में कार्य करने के लिए मुंबई स्थित संस्थान एएनएल एसोसिएट का चयन किया गया है, जो यूनेस्को की गाइडलाइन के अनुसार प्रारूप तैयार करेगा। ### कैबिनेट की मंजूरीउत्तराखंड कैबिनेट की हाल ही में हुई बैठक में पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। पंच बदरी में बदरीनाथ धाम, आदि बदरी, वृद्ध बदरी, योग ध्यान बदरी और भविष्य बदरी शामिल हैं। वहीं पंच केदार में केदारनाथ धाम, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमेश्वर और कल्पेश्वर महादेव आते हैं। ये मंदिर धार्मिक आस्था के साथ ही पुरातात्विक महत्व भी रखते हैं। ### यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल होने के लाभयूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में इन स्थलों के शामिल होने पर इनके संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्रांट उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही, विश्वभर के लोग इन स्थलों की ऐतिहासिकता और महत्व को और बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। ### नई पर्यटन प्रोत्साहन योजनापर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड सरकार ने “उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना-2024” को भी मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत राज्य में एक से पांच करोड़ तक के प्रोजेक्ट्स पर 33 लाख से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। योजना का लाभ केवल उत्तराखंड के निवासियों और उद्यमियों को मिलेगा, और उन्हें राज्य के स्थायी निवासियों को 70 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य होगा। ### नगर निगम के रूप में पिथौरागढ़ और अल्मोड़ाकैबिनेट ने पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा को नगर निगम का दर्जा देने का भी निर्णय लिया है, जिससे राज्य में नगर निगमों की संख्या बढ़कर 11 हो जाएगी।

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उत्तराखंड सरकार के इन निर्णयों से न केवल राज्य में पर्यटन और धार्मिक स्थलों का संरक्षण होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे, जिससे राज्य के विकास में एक नई दिशा मिल सकेगी।

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