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उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में भारी बारिश के कारण हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। कपकोट क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से गधेरे उफान पर आ गए हैं, जिससे कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कुंवारी गांव में भूस्खलन के कारण ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

कुंवारी में भूस्खलन से दहशत

कुंवारी गांव में एक बार फिर से भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बुधवार रात हुई बारिश के बाद से गांव में भूस्खलन की शुरुआत हो गई, जिससे लोग भयभीत हो गए। देवकी देवी, जो इस गांव में अकेली रह रही थीं, ने बताया कि रात भर भूमि खिसकने के कारण वह सो भी नहीं सकीं। मकान के आगे और पीछे जमीन खिसकने लगी है, जिससे घर तक पहुंचने का रास्ता भी टूट चुका है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तुरंत सहायता की मांग की है।

घरों पर टूटी मुसीबत, 60 लोग प्रभावितकपकोट और आसपास के क्षेत्रों में हुई भारी बारिश से आठ घर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिससे लगभग 60 लोग प्रभावित हुए हैं। पांच लोगों के घरों के आंगन पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। शामा के लाथी-चनुली में हयात सिंह का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि मंडलसेरा, कांडा तहसील, और अन्य गांवों में भी कई घरों को नुकसान पहुंचा है।है।

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12 सड़कों पर आवागमन बाधित

भारी बारिश के कारण 12 से अधिक मोटर मार्गों पर आवागमन प्रभावित हो गया है। इनमें चनौली-जैनकरास, गरुड़-कपकोटी-फल्यांटी, जिन्तोली-सिलखन्यारी और कई अन्य सड़कें शामिल हैं। कई सड़कों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन के कारण यातायात ठप हो गया है। जीआइसी मार्ग पर पेड़ गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया था, जिसे बाद में हटा दिया गया।

प्रशासन से सहायता की मांग

भूस्खलन और बारिश के कारण उत्पन्न आपदा से निपटने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासन से त्वरित सहायता की मांग की है। कपकोट और कुंवारी गांव के लोग अपनी जान-माल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस विकट स्थिति में प्रशासन की तत्परता से ही लोगों को राहत मिल सकती है। प्रशासन को जल्द से जल्द इस क्षेत्र की सुध लेकर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और उन्हें इस प्राकृतिक आपदा से राहत मिल सके।

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