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उत्तराखंड भूसंपदा नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने प्रमोटर्स द्वारा हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में खरीदारों की पूंजी का अन्यत्र निवेश रोकने और समय पर परियोजनाएं पूरी करने के लिए त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट (QPR) को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। अब प्रमोटर्स को हर तीन महीने में पंजीकृत परियोजना की प्रगति रिपोर्ट रेरा को जमा करनी होगी।

त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट में शामिल होने वाली जानकारी:

1. भवन निर्माण की प्रगति: पिछले तीन महीनों में हुए निर्माण कार्य की स्थिति।

2. वित्तीय अपडेट: खरीदारों से प्राप्त राशि का कितना हिस्सा किस मद में खर्च किया गया।

3.बुकिंग की स्थिति: प्लॉट, अपार्टमेंट, यूनिट, गैरेज और कवर पार्किंग की वर्तमान बुकिंग स्थिति।

4. निर्माण का विवरण: बेसमेंट, फ्लोर, सुपर स्ट्रक्चर, लिफ्ट, टैंक और परिवहन का विवरण।

5. कार्मिक परिवर्तन: आर्किटेक्ट, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट और रियल एस्टेट एजेंट में परिवर्तन की जानकारी।

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QPR दाखिल करने की समय-सीमा:प्रमोटर्स को हर तीसरे वित्तीय माह में QPR दाखिल करनी होगी और पिछली QPR दाखिल किए बिना नई QPR स्वीकार नहीं की जाएगी। पारदर्शिता और निगरानी:इस प्रक्रिया का उद्देश्य प्रमोटर्स और खरीदारों के बीच पारदर्शिता बढ़ाना है। QPR के जरिए रेरा को परियोजना के फाइनेंशियल इनफ्लो और आउटफ्लो की पूरी जानकारी मिलेगी, जिससे खरीदारों की पूंजी का सही इस्तेमाल सुनिश्चित हो सकेगा। उल्लंघन पर कार्रवाई:रेरा अब समय पर QPR जमा न करने वाले प्रमोटर्स पर सख्त कार्रवाई करेगा।

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निर्माण की गति धीमी होने और खरीदारों की राशि का सही तरीके से उपयोग न होने पर रेरा प्रमोटर्स पर तुरंत शिकंजा कसेगा और जुर्माना लगाएगा।

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