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उत्तराखंड के कोटद्वार रेंज में बांस के जंगलों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने फोर्स तैनात की है। 26 हजार हेक्टेयर में फैले इन जंगलों में बांस हाथियों की पसंदीदा खुराक है, लेकिन यहां की समस्या लोगों द्वारा बांस के कल्ले (प्रकंद) चुरा लेने की है। इन कल्लों का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है और यह बाजार में 200 रुपये किलो तक बिकते हैं। इस चोरी के कारण बांस के जंगलों को खतरा पैदा हो गया है, जो हाथियों के लिए महत्वपूर्ण आहार स्रोत हैं। लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ एनसी पंत के अनुसार, वन विभाग ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती और चेकिंग अभियान बढ़ा दिया है ताकि बांस की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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वन अनुसंधान के हल्द्वानी रेंज के वन क्षेत्राधिकारी मदन बिष्ट ने बताया कि बांस के कल्ले से नया बांस तैयार होता है, जो बरसात के एक से डेढ़ महीने के भीतर निकलते हैं और हाथियों के साथ-साथ लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होते हैं।

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