कारगिल विजय दिवस के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बलिदानियों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। राज्यपाल ने कहा कि इस विजय अभियान में भारतीय सेना के कई शूरवीरों ने देश के लिए अपना बलिदान किया। मुख्यमंत्री धामी ने कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी और गांधी पार्क में आयोजित कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की।कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा, कैंट विधायक सविता कपूर, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला आदि ने भी बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सेना के अदम्य साहस और अटूट संकल्प का प्रतीक है। भारतीय सेना ने विपरीत परिस्थितियों में इस युद्ध को लड़ा और दुश्मनों के हौसले पस्त कर दिए।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने असाधारण साहस, शौर्य और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया था। इस विजय अभियान में भारतीय सेना के कई शूरवीरों ने देश के लिए अपना बलिदान किया, जिनमें उत्तराखंड के भी कई वीर सैनिक शामिल थे। उन्होंने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का गौरव बढ़ाया है, जिस पर हम सभी को गर्व है। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में देश के लिए बलिदान देने की परंपरा रही है। कारगिल युद्ध में भी बड़ी संख्या में देश के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके स्वजन के कल्याण के लिए वचनबद्ध है। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।