रायपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में रातभर की वर्षा से भारी बाढ़ और मलबा आने के कारण काफी नुकसान हुआ है। देर रात तक कई क्षेत्रों में अफरा-तफरी मची रही और लोग अपनी सुरक्षा के लिए छतों पर बैठ गए। सुबह होते ही घरों में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया गया। मु
ख्य घटनाएं और प्रभाव:- शांति विहार: – यहां सड़क का आधा हिस्सा बह गया और कई पुस्ते ध्वस्त हो गए।
– भारी वर्षा से रिस्पना नदी उफान पर आ गई और नदी-नालों में भारी उफान देखा गया।
– आसपास के मकानों के गिरने का खतरा बढ़ गया है।
– रायपुर विधानसभा क्षेत्र: – वाणी विहार से लेकर भगतसिंह कालोनी, डांडा लखौड़ से मयूर विहार तक कई कालोनियों में भारी नुकसान की सूचना है।
– कई जगह पुलिया ध्वस्त होने की खबरें हैं।
– मसूरी के निचले क्षेत्र: – जोरदार वर्षा के कारण नदी-नालों में उफान आया और रिस्पना नदी का रौद्र रूप देखने को मिला।
– शांति विहार और वाणी विहार को जोड़ने वाला पुल बह गया।-
ननूरखेड़ा: – मिलन केंद्र में मलबा घुस गया और आसपास के मकानों को भी क्षति पहुंची।
– रायपुर रोड के पास ननूरखेड़ा और ईश्वर विहार में भी वर्षा ने कहर बरपाया।
– आइटी पार्क से तपोवन जाने वाला रास्ता:
– बरसाती नदी के उफान पर आने से सोमनाथ नगर और एटीएस डांडा लखौड़ में मकान क्षतिग्रस्त हुए।
– सुबह चार बजे के आसपास अचानक नदी का पानी घरों तक पहुंच गया।
– नगर निगम गोदाम:
– मयूर विहार पुलिस चौकी के पास स्थित नगर निगम के गोदाम को भारी क्षति पहुंची।
– पुस्ता ढहने से वहां रखा सामान, गाड़ियां, और स्लैब बह गए।- एकता विहार:
– सुरक्षा दीवारें ढह गईं और दो वाहन बह गए
– धरनास्थल पर बिजली के तारें पानी में डूबने से बेरोजगार लोग जान बचाकर निकल गए।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:पूर्व विधायक राजकुमार ने नगर निगम को क्षेत्र में हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि नगर निगम के आपदा कंट्रोल रूम में कई बार सूचना देने के बावजूद कोई मदद नहीं पहुंची।
क्षेत्रवासियों में आक्रोश है और राजकुमार ने सरकार से बाढ़ प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही खतरे की जद में आए क्षेत्रों में शीघ्र तारजाल लगाकर बाढ़ सुरक्षा कार्य करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि शीघ्र सुरक्षा कार्य नहीं किए गए तो वह प्रदर्शन करेंगे।निष्कर्ष:देहरादून में रातभर की वर्षा से आई बाढ़ और मलबे ने कई क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। स्थानीय प्रशासन को आपदा नियंत्रण और प्रभावित लोगों की मदद के लिए तेजी से कार्यवाही करनी होगी।
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