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हल्द्वानी में आयुक्त दीपक रावत ने सोमवार को प्राधिकरण, सिटी मजिस्ट्रेट और नगर निगम दफ्तरों में औचक निरीक्षण किया। छापेमारी के दौरान प्राधिकरण कार्यालय में तीन कर्मचारी ड्यूटी से नदारद मिले, जिनका जवाब तलब करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, अवैध निर्माण मामले में कार्रवाई न करने पर एक अवर अभियंता से भी स्पष्टीकरण मांगा गया।प्राधिकरण कार्यालय में छापेमारी:आयुक्त रावत ने सुबह 10:40 बजे प्राधिकरण दफ्तर पहुंचकर निरीक्षण शुरू किया। 11 बजे तक तीन कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचे थे, जिसके कारण उन्होंने उनका स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए। प्राधिकरण सचिव विजय नाथ शुक्ल और संयुक्त सचिव एपी वाजपेयी से व्यावसायिक और गैर व्यावसायिक निर्माण कार्यों और मानचित्रों की जानकारी ली गई। अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण कार्यालय में वर्ष 2016 से नक्शों की फाइलों का ऑनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है। दस हजार फाइलों को ऑनलाइन करना है ताकि सभी दस्तावेज सुरक्षित रह सकें।आयुक्त ने भवन मानचित्रों को ऑनलाइन करने की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने संयुक्त सचिव वाजपेयी के दफ्तर में भवन मानचित्रों का निस्तारण 15 दिनों के भीतर करने पर संतोष व्यक्त किया। साथ ही सभी अधिकारियों को सार्वजनिक संपत्तियों से प्रचार सामग्री हटवाने के निर्देश दिए।नगर निगम में छापेमारी:नगर निगम के बाहर आयुक्त को जगह-जगह कूड़ा-कचरा और शराब की खाली बोतलें मिलीं। इस पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि इससे शहर की सफाई का अंदाजा लगाया जा सकता है। फील्ड के सफाई कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति न होने पर भी आयुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और हफ्ते भर के भीतर बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण में 15 कर्मचारी अवकाश पर पाए गए और तीन दिन में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के निर्देश दिए गए।अवैध निर्माण पर मिलीभगत का खुलासा:प्राधिकरण दफ्तर में छापेमारी के दौरान अवैध वसूली और मिलीभगत के खेल का खुलासा हुआ। आयुक्त ने इसे गंभीरता से लिया और मामले की गहनता से जांच कराने का आदेश दिया। निरीक्षण के दौरान स्थानीय निवासी रविंद्र मियान ने बताया कि वह दुकानों की मरम्मत के सिलसिले में आए हैं। एक व्यक्ति ने मियान द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य की वीडियो आयुक्त को दिखाकर इसे अवैध निर्माण बताया। बाहरी व्यक्ति के पास अवैध निर्माण की वीडियो देख आयुक्त का माथा ठनक गया। आयुक्त ने कहा कि प्राधिकरण के कुछ अधिकारी क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद भी अवैध निर्माण के मामले में कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और बिना अनुमति व्यवसायिक निर्माण पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ नोटिस और चालान की कार्यवाही की जाएगी।लेंटर उठाने का अवैध कारोबार:रविंद्र मियान ने आयुक्त को बताया कि वह अपनी दुकानों के लेंटर को उठवाना चाहते हैं। इस पर आयुक्त ने प्राधिकरण के अधिकारियों से पूछा कि यह लेंटर उठाने वाले कौन हैं? लेंटर उठाने की स्वीकृति प्राधिकरण नहीं देता है।

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उन्होंने आदेश दिया कि ऐसे अवैध कारोबार को बंद कराया जाए, क्योंकि बरसात के मौसम में लेंटर उठाने के दौरान हादसे हो सकते हैं। निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने एक जेई को लेंटर उठाने वाले से फोन पर बात कराकर कार्य की पुष्टि भी कराई।

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