उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में बादलों का कहर बरपाना जारी है। शुक्रवार की शाम धारचूला क्षेत्र में बादल फट गया, जिससे कूलागाड़ नाले का जलस्तर विकराल हो गया। इस कारण नाले में आए मलबे ने काली नदी का प्रवाह रोक दिया और वहां एक झील बन गई। झील के फटने पर नदी किनारे की बस्तियों में खतरा बढ़ गया है। काली नदी में बनी झीलनाले में आए मलबे के कारण काली नदी का प्रवाह रुक गया है और वहां एक झील बन गई है। कूलागाड़ से नीचे काली नदी का जलस्तर घट गया है, जिससे नदी किनारे की बस्तियों में दहशत व्याप्त है। कूलागाड़ मोटर पुल बह जाने से धारचूला से आठ किलोमीटर आगे चीन सीमा का संपर्क भंग हो चुका है।भारी वर्षा और मोटर पुल का बहावशुक्रवार शाम धारचूला सहित आसपास के क्षेत्र में भारी वर्षा जारी रही। कूलागाड़ नाले के उदगम क्षेत्र में बादल फटने से जलस्तर विकराल हो गया। पहाड़ से सीधे ढलान में बहने वाले नाले से चीन सीमा को जोड़ने वाले एकमात्र तवाघाट मार्ग का मोटर पुल बह गया। इस घटना के कारण भारत और नेपाल के बीच का स्थल सकरा हो गया है।गलाती नाले में भी उफानछिपलाकेदार से निकलने वाले सभी नाले उफान पर हैं। गलाती नाले के उफान से दारमा के पांच गांवों नागलिंग, सीपू, मार्छा सहित अन्य गांवों के ग्रामीण घरों को छोड़कर पुल के पास एकत्रित हो गए हैं। इस नाले के जलस्तर बढ़ते देख लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं, धारचूला-कूलागाड़ के मध्य दोबाट में बहने वाला छोटा नाला भी उफान पर है।कलसिया नाले का कहरहल्द्वानी में कलसिया नाले के कहर के निशान अभी भी तबाही की गवाही दे रहे हैं। राजदा और निखहत के परिवारों पर इस आपदा का सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है। राजदा के घर के आंगन में बोल्डर आ गए हैं, जबकि निखहत की रसोई और शौचालय बाढ़ में बह गए हैं। सुरक्षा दीवार और सड़क बहने से पेयजल संकटसिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई सुरक्षा दीवार आधी बह चुकी है। इसके अलावा क्षेत्र में छह फीट की सड़क कलसिया में समा चुकी है। पेयजल लाइन टूटने से पेयजल संकट गहरा गया है।इस प्रकार, कुमाऊं मंडल में बादलों का कहर और बाढ़ की आपदा ने कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन लगातार लोगों को सतर्क कर रहा है और बचाव कार्य जारी हैं।
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