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उत्तराखंड पुलिस के क्राइम के प्रति दावे हवा हवाई नजर आ रहे हैं। एक तरफ देहरादून पुलिस स्ट्रीट क्राइम को लेकर गंभीरता का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस स्टेशन से 100 मीटर की दूरी पर लाखों की चोरी हो जाती है।

साथ ही इस मामले में मुकदमा 16 दिन बाद दर्ज होता है वो भी तब जब दबाव बनाया जाता है।दून पुलिस स्ट्रीट क्राइम को गंभीरता से लेने का दावा कर रही है, लेकिन हाल ये हैं कि चोरों पर अंकुश लगाना तो दूर चोरी की रिपोर्ट लिखने के लिए भी फरियादी को कई दिनों तक इंतजार करवाया जा रहा है।शहर के अति व्यस्त क्षेत्र घंटाघर व धारा चौकी से 100 मीटर दूर आरजीएम प्लाजा में स्थित दुकान के ताले तोड़कर लाखों रुपयों के मोबाइल फोन व पार्ट्स चोरी कर लिए गए। दुकान मालिक शिकायत लेकर कोतवाली व चौकी के चक्कर काटता रहा, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने की जहमत नहीं उठाई।दुकान मालिक तुषार अग्रवाल ने बताया कि उनकी आरजीएम प्लाजा में मोबाइल फोन व पार्ट्स की दुकान है।

20 जून की रात को वह दुकान बंद करके घर चले गए। रात को अज्ञात व्यक्ति ने शटर तोड़े और दुकान से 20 एंड्रायड फोन और मोबाइल फोन के पार्ट्स से भरा बैग चोरी कर लिया। 21 जून की सुबह चोरी की सूचना उन्हें सफाई कर्मचारी ने दी। जब वह दुकान में पहुंचे तो देखा कि दुकान के अंदर कुछ पुराने मोबाइल बिखरे हुए थे। इसकी वीडियोग्राफी करते हुए वह शहर कोतवाली पहुंचे। तब पुलिसकर्मियों ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि वह चोरों को ढूंढ रहे हैं।शिकायतकर्ता ने बताया कि अनुरोध करने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।

उनसे कहा गया कि अभी पुलिसकर्मी व्यस्त हैं, वह चोरों को पकड़ने के बाद ही मुकदमा दर्ज करेंगे। दो बार वह शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे, लेकिन वहां एसएसपी से मुलाकात नहीं हो पाई।

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ऐसे में उन्होंने किसी परिचित के माध्यम से शासन स्तर के अधिकारियों से सिफारिश करवाई। अब घटना के 16 दिन बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि दुकान से करीब छह लाख रुपये के मोबाइल फोन व पार्ट्स हुए है चोरी।

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