कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अंतरराज्यीय और अंतरइकाई समन्वय बैठक में आठ राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने चर्चा कर दिशा-निर्देश जारी किए। इस बार भी कांवड़ की ऊंचाई सात फीट तक सीमित रखी गई है। डीजे पर भी नियंत्रण रहेगा और सोशल मीडिया की निगरानी पर जोर दिया गया है।बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान के अलावा सीआरपीएफ, रेलवे सुरक्षा बल और इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने भाग लिया। कुछ अधिकारी ऑनलाइन भी जुड़े थे। डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि पहले केवल उत्तराखंड ही प्रभावित होता था, लेकिन अब उत्तर भारत के कई राज्यों पर इसका असर पड़ने लगा है। इसलिए सभी राज्यों को सुरक्षा और यातायात की तैयारी में जुटना होगा।बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई:1. सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी: कांवड़ियों पर सीसीटीवी और ड्रोन से नजर रखी जाएगी।2. सीमावर्ती राज्यों के समन्वय: स्थानीय स्तर पर सीमावर्ती राज्यों के जनपदों के अधिकारियों के साथ समन्वय गोष्ठी करने का निर्णय।3. परिचयपत्र और कांवड़ की ऊंचाई: कांवड़ियों को अपना परिचयपत्र साथ रखने और सात फीट से ऊंची कांवड़ न बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार।4. हरिद्वार कंट्रोल रूम: बेहतर समन्वय के लिए कांवड़ यात्रा में नियुक्त अधिकारियों को हरिद्वार स्थित कंट्रोल रूम में बैठने की व्यवस्था।5. डीजे पर नियंत्रण: आबादी वाले स्थानों, अस्पतालों, स्कूलों और वरिष्ठ नागरिकों के आवासों के पास डीजे के प्रयोग पर नियंत्रण।6. शिविर सत्यापन: शिविरों में काम करने वाले लोगों का सत्यापन।7. चारधाम यात्रा: चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अलग मार्गों का निर्धारण और दिल्ली से ही चारधाम यात्रा मार्ग का व्यापक प्रचार-प्रसार।8. संयुक्त चेकिंग: सीमावर्ती प्रदेशों के साथ संयुक्त चेकिंग की व्यवस्था।एडीजी कानून व्यवस्था मेरठ जोन डीके ठाकुर ने सभी चेकपोस्ट और बैरियरों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जानकारी दी, जिसकी फीड हरिद्वार कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी। एडीजी कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश अमिताभ यश ने आतंकी घटनाओं के उदाहरण देते हुए सतर्क रहने का सुझाव दिया और सीमावर्ती जिलों के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने पर जोर दिया।इस अवसर पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हर साल हरिद्वार में एक बड़ी बैठक की जाती है, इस साल भी बैठक होगी। पिछले साल चार करोड़ से अधिक शिवभक्त पहुंचे थे और उनके स्वागत के लिए अच्छी व्यवस्था की जाएगी।
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