दिलाराम चौक पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी एकत्रित हुए। यह प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर गए। पुलिस ने हाथीबड़कला में प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया, जिसके दौरान दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक हुई।
प्रदीप कुकरेती, राज्य आंदोलनकारियों के नेता, ने बताया कि वे 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार इस मांग को गंभीरता से नहीं ले रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य आंदोलनकारियों ने मूल निवास और सशक्त भू कानून की मांगों को लेकर भी प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति:
प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग पार करने की कोशिश की, लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई और आंदोलनकारियों ने सड़क पर धरना शुरू कर दिया। प्रशासन ने आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता का आश्वासन दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने धरना समाप्त कर दिया।
राज्य आंदोलनकारियों की मांगें:
- 10% क्षैतिज आरक्षण: लंबे समय से इस मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने इसे अब तक गंभीरता से नहीं लिया है।
- मूल निवास और भू कानून: राज्य आंदोलनकारियों का आरोप है कि सरकार आम जनता को गुमराह कर रही है और इन मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठा रही है।
आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस मौके पर जगमोहन सिंह नेगी, सुरेश कुमार, कल्पेश्वरी नेगी, सुभागा फर्स्वाण, प्रभात डंडरियाल, चिंतन सकलानी, धर्मानंद भट्ट और महेश सहित अन्य प्रमुख आंदोलनकारी भी मौजूद थे।
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संक्षेप में:
राज्य आंदोलनकारियों का प्रदर्शन उनके 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, मूल निवास और सशक्त भू कानून की मांगों को लेकर जारी है। प्रशासन ने मुख्यमंत्री से वार्ता का आश्वासन दिया है, लेकिन आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।