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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन से वर्चुअल माध्यम से सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में लॉगिन न करने वाले अधिकारियों से जवाब तलब किया जाए। यदि संतोषजनक कारण नहीं बताया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्यों में शिथिलता बरतने पर विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष की जिम्मेदारी तय करने की बात भी कही। साथ ही, छह महीने से लंबित शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज 15 दिन से लंबित शिकायतों का सकारात्मक समाधान करने के निर्देश दिए। सभी अधिकारी शिकायतकर्ताओं से नियमित संवाद स्थापित करें और जन समस्याओं का समाधान निकालें, न कि केवल निपटाएं।मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सात शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात की, जिसमें से तीन की समस्या का समाधान हो चुका है। बाकी चार शिकायतकर्ताओं को शीघ्र समाधान का भरोसा दिया गया।मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन का व्हाट्सएप चैटबोट भी शुरू किया और बीडीसी की बैठकों में विभागीय और रेखीय विभागों के अधिकारियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को अपने जिलों के प्रत्येक ब्लॉक में बीडीसी की बैठकों के रोस्टर बनाने और तहसील दिवस का नियमित आयोजन करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील दिवस पर शिकायतों के निपटारे की जानकारी मुख्यमंत्री जन-समर्पण तहसील दिवस पोर्टल पर भी नियमित अपलोड होनी चाहिए। उन्होंने विभागीय सचिवों को निर्देश दिए कि शिकायतों का जल्द समाधान हो और जो शिकायतें मांग से संबंधित हैं, उनका अलग से उल्लेख किया जाए। सीएम हेल्पलाइन मॉड्यूल के हिसाब से नियमित प्रशिक्षण भी कराया जाए और सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष हर माह के दूसरे सप्ताह में सीएम हेल्पलाइन-1905 की समीक्षा करें।मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद उम्मीद है कि शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया और भी तेज और प्रभावी होगी, जिससे जनता को राहत मिलेगी।

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