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हाल ही में देहरादून में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक हिंदू विधि छात्रा को ब्लैकमेल कर उसका मतांतरण और एक मुस्लिम युवक से शादी करने के लिए मजबूर किया गया। यह घटना पिछले छह महीनों से चल रही थी और इसमें छात्रा को बार-बार धमकाया जा रहा था। मामला तब उजागर हुआ जब पीड़ित छात्रा ने पुलिस के पास जाकर अपनी आपबीती सुनाई।

पीड़ित छात्रा देहरादून के राजपुर रोड क्षेत्र में रहती है और सिद्धार्थ ला कॉलेज में विधि की पढ़ाई कर रही है। आरोपी मुस्लिम युवती मुबीना यूसुफ, जो छात्रा की सहपाठी है, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग की निवासी है। मुबीना ने पिछले छह-सात महीने में छात्रा से नजदीकी बढ़ाई और उसे मुस्लिम धर्मगुरुओं की वीडियो दिखाकर मतांतरण का दबाव बनाने लगी। इसके बाद उसने छात्रा को अपने मुस्लिम दोस्त से शादी करने का दबाव डाला। यह युवक भी जम्मू-कश्मीर का निवासी है और मुबीना का दोस्त है।

छात्रा ने पुलिस को बताया कि मुबीना ने उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी देकर उस पर दबाव बनाया। साथ ही, उसने छात्रा से पैसों की भी मांग की। जब छात्रा ने मतांतरण और शादी से इनकार किया, तो मुबीना ने हरियाणा की गुरुग्राम जेल में बंद बदमाशों से फोन पर धमकी दिलवाई। इस धमकी के बाद छात्रा अत्यधिक डर गई और उसने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया।

डरी-सहमी छात्रा ने पुलिस के पास पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराई। एसएसपी अजय सिंह के निर्देश पर रायपुर थाना पुलिस ने मुबीना यूसुफ के विरुद्ध जबरन वसूली, आपराधिक धमकी और उत्तराखंड स्वतंत्रता अधिनियम-2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

छात्रा की मां, जो स्वयं अधिवक्ता हैं, ने बेटी को समझाकर घटना की पूरी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि मुबीना कई बार उनके घर आई और परिवार से भी मिली। जनवरी 2023 में मुबीना छात्रा को अपने साथ जम्मू-कश्मीर लेकर गई और वहां अपने मुस्लिम दोस्त से मिलवाया। इस दौरान छात्रा को 10 दिन तक वहीं रखा गया और उस पर शादी करने का दबाव बनाया गया।

यह घटना समाज में व्याप्त अपराधियों के खतरनाक नेटवर्क की पोल खोलती है। इस मामले ने समाज और प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि कैसे एक छात्रा को उसके ही सहपाठी द्वारा इस हद तक ब्लैकमेल और धमकाया जा सकता है।

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यह मामला देहरादून में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस की तत्परता और मुस्तैदी से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की उम्मीद है।

यह घटना न केवल पीड़ित छात्रा बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है। यह दिखाता है कि हमें अपने आस-पास के लोगों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए। समाज को भी इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठानी होगी ताकि इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाई जा सके और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

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