उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक पर गए 22 सदस्यीय दल में से नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई। दस ट्रैकर्स को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है। यह घटना वर्ष 2022 में निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद दूसरा बड़ा हादसा है।चार अक्तूबर 2022 को निम के 34 प्रशिक्षुओं का दल द्रौपदी का डांडा-2 चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन की चपेट में आ गया था, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी और दो लोग अब भी लापता हैं। लापता लोगों में उत्तराखंड के नौसेना के नाविक विनय पंवार और हिमाचल के लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक वशिष्ट शामिल थे। उस दौरान निम और एसडीआरएफ की टीम ने माइनस 25 डिग्री तापमान में भी विशेष अभियान चलाया था।अब, एक और हादसा उत्तरकाशी-टिहरी जनपद की सीमा पर स्थित सहस्त्रताल ट्रैक पर हुआ है। 29 मई को 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कुल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए निकला था। दो जून को यह दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा और तीन जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुआ। वहां अचानक मौसम खराब होने, घने कोहरे और बर्फबारी के बीच ट्रैकर्स फंस गए।ट्रैकर्स में से किसी ने गढ़वाल माउंटनेरिंग एवं ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक को सूचना दी कि ठंड लगने से चार ट्रैकर की मौत हो गई है जबकि सात की तबीयत खराब है और 11 वहां फंसे हुए हैं।
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कल मंगलवार को चार ट्रैकर्स की ठंड लगने से मौत हो गई, जबकि आज पांच ट्रैकर्स की और मौत हो गई। मौसम खराब होने के कारण ट्रैकर्स रास्ता भटक गए थे। जिले की ट्रैकिंग एजेंसियों के माध्यम से जिला आपदा प्रबंधन को सूचना मिली, जिससे विभाग ने रेस्क्यू के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है।