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हाल ही में मयूर विहार पुलिस चौकी प्रभारी मनोज भट्ट के खिलाफ एक गंभीर मामला सामने आया है जिसने पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक योगा ट्रेनर महिला ने मनोज भट्ट पर पिस्टल दिखाकर डराने, पिटाई करने और दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। यह मामला पुलिस के विश्वास को हिला देने वाला है और न्याय प्रणाली की ईमानदारी पर सवाल खड़े करता है।

राजपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला योगा ट्रेनर ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को शिकायत दी थी। शिकायत में महिला ने बताया कि वह राजपुर थाना क्षेत्र में रहती है और उसके पति विदेश में रहते हैं। फरवरी 2023 में उनकी नौकरानी ने ज्वेलरी बाक्स से 20 लाख रुपये के गहने चोरी कर लिए थे। इस संबंध में 13 फरवरी 2023 को राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। चोरी की घटना की विवेचना उस समय कुठालगेट के चौकी प्रभारी उप निरीक्षक मनोज भट्ट को सौंपी गई थी। आरोप है कि विवेचना के दौरान, 17 दिसंबर 2023 को मनोज भट्ट ने महिला को केस के सिलसिले में हाईकोर्ट जाने की बात कहकर नैनीताल ले गया और वहां होटल में पुलिस का रौब झाड़कर दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने महिला को धमकी दी कि यदि उसने घटना के बारे में किसी को बताया तो वह केस में चार्जशीट दाखिल नहीं करेगा।

उप निरीक्षक मनोज भट्ट का तबादला रायपुर थाना क्षेत्र में मयूर विहार चौकी प्रभारी के पद पर हो गया था। यहां वह सहस्रधारा रोड पर किराये के फ्लैट में रह रहा था। आरोप है कि उसने इस फ्लैट में महिला को कई बार जबरन बुलाया और पिस्टल दिखाकर दुष्कर्म किया। जब महिला ने इस बारे में उसकी पत्नी से शिकायत की तो उसने भी गाली-गलौच की। महिला ने अपने पति को फोन पर पूरी घटना बताई और उनके कहने पर पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार से शिकायत की। इस पर पुलिस महानिदेशक ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को तत्काल आरोपित चौकी प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उसे निलंबित करने के आदेश दिए।

महिला की शिकायत के आधार पर राजपुर थाने में मामला दर्ज हुआ और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने आरोपी मनोज भट्ट को निलंबित कर दिया। मामले की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी रीना राठौर के निर्देशन में उपनिरीक्षक भावना को सौंपी गई है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि मामले की निष्पक्ष और गहन जांच हो सके।

यह मामला समाज में पुलिस प्रशासन की छवि को धूमिल करता है और कानून व्यवस्था पर लोगों के विश्वास को ठेस पहुंचाता है। एक पुलिस अधिकारी, जो कि समाज में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है, उसके द्वारा इस तरह के घृणित अपराध किए जाने के आरोप न केवल चिंताजनक हैं बल्कि अत्यधिक निंदनीय भी हैं।इस मामले से जुड़े हर पहलू की निष्पक्ष और गहन जांच की आवश्यकता है ताकि पीड़ित महिला को न्याय मिल सके और आरोपी को उसके अपराधों के लिए सजा दी जा सके। यह घटना समाज में पुलिस की भूमिका और उनकी जिम्मेदारियों को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता को भी दर्शाती है।

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इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह दिखाया है कि किस प्रकार से कानून के रखवाले भी कानून का उल्लंघन कर सकते हैं। उम्मीद है कि इस मामले में न्याय होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह आवश्यक है कि पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और उनके आचरण पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि समाज में कानून का राज कायम रह सके।

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