आज से रिस्पना नदी के किनारे किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया आरंभ हो रही है। इसके तहत नगर निगम की टीम पुलिस फोर्स की मौजूदगी में चूना भट्ठा से कार्रवाई की शुरुआत करेगी, जो कि डालनवाला चंदर रोड बस्ती तक चलेगी। यह कार्रवाई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों के तहत की जा रही है, जिसमें वर्ष 2016 के बाद किए गए अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया गया है।
इससे पहले, रविवार को पुलिस ने इस क्षेत्र का निरीक्षण किया और कार्रवाई की तैयारियों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चाक-चौबंद रहे।
नगर निगम ने एनजीटी के आदेश के तहत रिस्पना नदी के किनारे की गई अवैध निर्माण की पहचान और सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण में काठबंगला बस्ती से मोथरोवाला तक के 13 किलोमीटर के क्षेत्र में 27 मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया, जिसमें वर्ष 2016 के बाद 524 अतिक्रमण पाए गए। इनमें से 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, 12 नगर पालिका मसूरी की भूमि पर, और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए।
इसके अलावा, नगर निगम ने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए एमडीडीए को सौंपी गई भूमि पर भी 414 से अधिक अतिक्रमणों की पहचान की। नगर निगम ने विभिन्न विभागों और एजेंसियों की आपत्तियों की सुनवाई के बाद 73 अतिक्रमण की अंतिम सूची तैयार की है, जिन पर आज से कार्रवाई की जा रही है।
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई को लेकर शनिवार को एसएसपी अजय सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें नगर आयुक्त गौरव कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप नगर आयुक्त सदर गोपाल राम बिनवाल, उपजिलाधिकारी सदर हर गिरि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इस बैठक में अतिक्रमण के प्रकरणों के निस्तारण के क्रम में अभियान को निरंतर गति देने पर चर्चा की गई, ताकि सभी शंकाओं के समाधान के क्रम में अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
मलिन बस्तियों में अवैध निर्माण पर की जा रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के विरोध की भी आशंका है। वर्ष 2016 के बाद बड़ी संख्या में कब्जा किए बैठे कई व्यक्ति हंगामा कर सकते हैं। हालांकि, नगर निगम और प्रशासन के साथ बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। टीम विरोध करने वालों को खदेड़ने के लिए तमाम उपकरणों के साथ पहुंचेगी, जिससे किसी भी प्रकार के अवरोध को त्वरित रूप से निपटाया जा सके।
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रिस्पना नदी के किनारे किए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की यह प्रक्रिया नगर निगम और प्रशासन की सख्त कार्रवाई और अनुशासन का एक उदाहरण है। यह कार्रवाई पर्यावरण संरक्षण और शहरी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो एनजीटी के आदेशों के तहत लागू की जा रही है। इस कार्रवाई से न केवल अवैध अतिक्रमण हटेंगे बल्कि शहर की सौंदर्यता और स्वच्छता में भी सुधार होगा। नगर निगम और पुलिस प्रशासन की तैयारी और समर्पण से यह अभियान निश्चित रूप से सफल होगा और भविष्य में अवैध निर्माणों के खिलाफ एक सख्त संदेश देगा।