गर्मी की छुट्टियों में उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने आए सुल्तानपुर के जायसवाल परिवार को एक भयावह हादसे का सामना करना पड़ा। इस हादसे ने उनके जीवन में ऐसा जख्म दे दिया है जिसे वे कभी भुला नहीं पाएंगे। हादसे में 30 वर्षीय विशाल जायसवाल की मौत हो गई और 11 अन्य लोग घायल हो गए।
जायसवाल परिवार कुछ दिन पहले ही सुल्तानपुर से उत्तराखंड की यात्रा पर निकला था। उनके साथ कुछ सदस्य गुजरात के बड़ोदरा से भी शामिल हुए थे। परिवार ने पहले हरिद्वार और ऋषिकेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया। इसके बाद वे नैनीताल पहुंचे, जहाँ उनकी यात्रा का एक हिस्सा बेहद हर्षोल्लास और उमंग भरा था। नैनीताल की सुंदरता और यहाँ के मौसम ने उनके मन को खुशियों से भर दिया था।
विशाल जायसवाल, जो इस परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा थे, ने नैनीताल तक की यात्रा खुद कार चलाकर पूरी की। लेकिन वापसी के समय, उनके नाना गुलाब चंद्र जायसवाल के आग्रह पर विशाल ने कार चलाने की जिम्मेदारी नाना को सौंप दी। यही निर्णय उनकी जान के लिए घातक साबित हुआ। दोगांव के पास, गुलाब चंद्र जायसवाल की नींद के कारण गाड़ी से नियंत्रण हट गया और कार खाई में गिर गई।
हादसे में गंभीर रूप से घायल विशाल जायसवाल ने अस्पताल पहुँचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया। उनके परिवारजनों को विशाल की मृत्यु की सूचना नहीं दी गई ताकि वे और अधिक सदमे में न आ जाएं। इस हादसे में 11 अन्य लोग घायल हो गए, जिन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका उपचार चल रहा है।
घायलों में आयुषी जायसवाल भी शामिल हैं, जो सुल्तानपुर से डीफार्मा की पढ़ाई कर रही हैं और नीट की परीक्षा दे चुकी हैं। उन्होंने बताया कि वे हादसे के समय नींद में थीं और उन्हें अचानक झटका लगा। हादसे की सूचना मिलने पर जायसवाल समाज के लोग अस्पताल में घायलों की मदद के लिए पहुँच गए। जायसवाल समाज के संरक्षक और मुक्ति धाम समिति के अध्यक्ष राम बाबू जायसवाल ने बताया कि घायलों का उचित इलाज किया जा रहा है और उनके परिवारजन हल्द्वानी के लिए रवाना हो गए हैं। जब तक परिवारजन नहीं पहुँचते, जायसवाल समाज के लोग घायलों की सहायता के लिए मौजूद रहेंगे। प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
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सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी और एसडीएम परितोष वर्मा ने देर शाम घायलों का हालचाल जाना। बाजपेयी ने घायलों से बातचीत के बाद बताया कि प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि हादसे का कारण चालक को नींद आना हो सकता है। पूछताछ के दौरान घायलों ने भी यही बताया कि हादसे के समय अधिकांश लोग नींद में थे और गाड़ी में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। गाड़ी एक्सयूवी 7 सीटर में 12 लोग सवार थे, जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ने की संभावना अधिक हो गई थी।