“उत्तराखंड में साइबर ठगों का जाल फैलता जा रहा है। नौकरी या ऑनलाइन सामान की खरीद-फरोख्त के नाम पर दूनवासियों को लूट रहे हैं। इस साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि हो रही है, जिससे उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।”
“आवाज के रूप में AI का उपयोग करके साइबर ठग अब अपनी ठगी की घटनाओं को बदल रहे हैं, जिससे यह बड़ी चुनौती बन गई है। पिछले छह महीनों में दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन औसतन 58 लोगों को साइबर ठगों का शिकार बनाया जा रहा है।”
“पुलिस ने सवा चार करोड़ रुपये की धनराशि को जमा करवाया, वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ हेल्पलाइन नंबर 1930 पर अभियान चलाया। अक्टूबर 2023 से मार्च 2024 तक, छह महीने में 10,600 साइबर ठगी के मामले दर्ज किए गए, जिसमें 46 करोड़ रुपये की ठगी शामिल है। 2023 के मुकाबले, 2024 में साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। तीन महीनों में, अक्टूबर 2023 से दिसंबर 2023 तक, 5044 मामले दर्ज किए गए, जो जनवरी से मार्च तक 5556 हो गए। मार्च में अकेले, 1748 लोगों के साथ 12 करोड़ रुपये की ठगी हुई।”