जेल में बंद नेताओं को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाई कोर्ट ने जेल में बंद नेताओं को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करने की अनुमति देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई और कहा, यह मौलिक सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है, क्योंकि याचिका में अदालत से कानून बनाने की मांग की गई है.
हाईकोर्ट ने कहा, आप चाहते हैं कि गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चुनाव प्रचार करने की अनुमति दी जाए. यदि ऐसा किया जाता है तो सभी खूंखार अपराधी राजनीतिक दल बनाएंगे और चुनाव लड़ेंगे.
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उसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रचार करेंगे.’आप हमें राजनीतिक जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे’हाईकोर्ट का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से इस तरह की कई याचिकाएं कोर्ट में आ रही हैं, जिनमें या तो किसी को जेल से छोड़ने या किसी को बंद करने की मांग होती है.
कोर्ट को राजनीति में शामिल करने की कोशिश हो रही है. हम राजनीति से दूर रहना चाहते हैं और आप हमें राजनीतिक जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें थोड़ा प्रचार-प्रसार भी शामिल है और इस सब में अदालत को भी शामिल करने का प्रयास किया गया है.