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देहरादून के कोतवाली नगर क्षेत्र के खुडबुडा मौहल्ला में आग लगने की घटना ने एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था और आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की परीक्षा ली। इस घटना में पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने न केवल अपनी दक्षता और साहस का परिचय दिया बल्कि यह भी दिखाया कि मानवीय संवेदनशीलता किसी भी रेस्क्यू ऑपरेशन का अनिवार्य हिस्सा है।

सुबह के समय, शिवाजी मार्ग पर स्थित आंगनवाडी केन्द्र के समीप एक घर में आग लग गई। पुलिस कन्ट्रोल रूम को मिली सूचना पर तत्काल एक्शन में आई पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने घटनास्थल पर पहुंच कर तत्काल आवश्यक कदम उठाए। आग की भयावहता के बावजूद इन टीमों ने बड़ी सूझबूझ और साहस के साथ काम किया। सबसे पहले आग लगने वाले क्षेत्र की बिजली काट दी गई, जिससे किसी बड़े इलेक्ट्रिकल आपदा को रोका जा सके।

आग के धुएं और लपटों के बीच फंसे लगभग 15 परिवारों के सदस्यों और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस दौरान आस-पास के घरों में रखे गैस सिलेंडर और अन्य ज्वलनशील सामग्री को भी सावधानीपूर्वक हटाया गया।

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इस घटना में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का मौके पर पहुँचना और आग पर काबू पाने की प्रक्रिया अत्यंत चुनौतीपूर्ण रही। तंग और भीड़भाड़ वाले रास्तों के कारण ऑपरेशन में थोड़ी बाधा आई, परंतु स्थानीय लोगों के सहयोग से यह कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। डेढ़ से दो घंटे के निरंतर प्रयास के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया।

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