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वर्ष 2021 में आई गौला नदी की बाढ़ से काठगोदाम में शंटिंग लाइन बह गई थी। पैसेंजर ट्रेन के नहीं चलने से लोकल यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। शंटिंग लाइन अब लगभग बनकर तैयार हो गई है। इंजन की शंटिंग शुरू हो चुकी हैं। रेलवे जून से पैसेंजर ट्रेनों को एक बार फिर कुमाऊं के इस सबसे पुराने स्टेशन से दौड़ने की तैयारी कर रहा है।

वर्ष 2021 में आई गौला नदी की बाढ़ से काठगोदाम में शंटिंग लाइन बह गई थी। इसका असर यहां से चलने वाली ट्रेनों पर पड़ा। काठगोदाम-मुरादाबाद के बीच दौड़ने वाली दोनों पैसेंजर ट्रेनें तब से बंद हो गईं। ये ट्रेनें वर्तमान में लालकुआं से चलाई जा रही हैं।

पैसेंजर ट्रेन के नहीं चलने से लोकल यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है। शंटिंग लाइन अब लगभग बनकर तैयार हो गई है। इंजन की शंटिंग शुरू हो चुकी हैं। रेलवे जून से पैसेंजर ट्रेनों को एक बार फिर कुमाऊं के इस सबसे पुराने स्टेशन से दौड़ने की तैयारी कर रहा है। इसका सीधा लाभ कुमाऊं के यात्रियों के साथ ही पर्यटकों को भी मिलेगा। पैसेंजर ट्रेन से सफर करने वालों को लालकुआं नहीं जाना पड़ेगा।

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मात्र 30 रुपये में पहुंचेंगे मुरादाबाद

काठगोदाम से मुरादाबाद को दो ट्रेनें चलती थीं। सुबह चलने वाली ट्रेन रामपुर होकर मुरादाबाद जाती थी। वहीं शाम की ट्रेन काशीपुर होकर मुरादाबाद पहुंचती थी। काठगोदाम रेलवे के स्टेशन अधीक्षक दुर्गा सिंह बोरा के अनुसार, काठगोदाम से मुरादाबाद तक सफर करने में मात्र 30 रुपये किराया लगता है, जो सबसे न्यूनतम है। लोकल यात्रियों के लिए यह ट्रेन काफी भरोसेमंद थी।

10 ट्रेनें कर रहीं अप-डाउन

काठगोदाम रेलवे स्टेशन से रोजाना 10 ट्रेनें अप-डाउन कर रही हैं। इसमें सबसे लंबी दूरी की ट्रेन गरीब रथ है, जो सप्ताह में एक दिन दौड़ती है। इस ट्रेन को लंबे समय से दैनिक करने की मांग उठ रही है।

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