उत्तराखंड में लोकसभा की सभी पांचों सीट पर नाम वापसी के साथ अब प्रत्याशियों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। इस प्रकार अब पांच सीट पर 55 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा कांग्रेस और बसपा प्रदेश की सभी सीट पर चुनाव लड़ रही हैं जबकि सपा ने इस बार एक भी प्रत्याशी खड़ा नहीं किया।
उत्तराखंड में लोकसभा की सभी पांचों सीट पर नाम वापसी के साथ अब प्रत्याशियों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। शनिवार को अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर उक्रांद प्रत्याशी ने अपना नाम वापस ले लिया। अन्य सीट पर किसी प्रत्याशी ने नाम वापस नहीं लिया।
इस प्रकार अब पांच सीट पर 55 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें सबसे अधिक 14 प्रत्याशी हरिद्वार सीट पर हैं, जबकि अल्मोड़ा सीट पर सबसे कम सात प्रत्याशी हैं। गढ़वाल में 13, टिहरी गढ़वाल में 11 और नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट के लिए 10 प्रत्याशी मैदान में डटे हैं।
सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए गए हैं। भाजपा, कांग्रेस और बसपा प्रदेश की सभी सीट पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि सपा ने इस बार एक भी प्रत्याशी खड़ा नहीं किया। चुनाव में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
देश के जिन राज्यों में प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है, उनमें उत्तराखंड भी शामिल है। लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 20 मार्च को शुरू हुई थी। 27 मार्च तक चली प्रक्रिया में 63 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए। इनमें से सात नामांकन विभिन्न तकनीकी त्रुटियों के चलते जांच में निरस्त कर दिए गए।
इसके बाद 56 प्रत्याशी मैदान में रह गए थे। शनिवार को नाम वापसी की तिथि थी। निर्धारित समयावधि के भीतर अल्मोड़ा सीट पर अर्जन कुमार देव ने नाम वापस ले लिया। वह उक्रांद के प्रत्याशी थे, लेकिन सिंबल जमा न कर पाने की वजह से उन्हें निर्दलीय माना गया था।