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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत के चुनाव में लंबे समय बाद हरिद्वार जिले की कांग्रेस एकजुट होती नजर आ रही है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार हरिद्वार जनपद में सक्रिय रहते हैं। विधायकों ने भी रोड शो में भीड़ जुटाई। वीरेंद्र रावत ने भी किसी को चाचा तो किसी को बड़ा भाई कहकर संबोधित करते हुए नजदीकी जताई।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत के चुनाव में लंबे समय बाद हरिद्वार  जिले की कांग्रेस एकजुट होती नजर आ रही है। बुधवार को वीरेंद्र रावत के रोड शो में सभी गुटों के नेता एक दूसरे के साथ कदमताल करते नजर आए।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसमें अहम भूमिका निभाई। रावत ने नामांकन के बाद प्रीतम गुट के माने जाने वाले पूर्व दर्जाधारी संजय पालीवाल और पूर्व सभासद अशोक शर्मा को रोड शो की सफलता के लिए मैन आफ द मैच बताकर दूसरे धड़ों के कांग्रेसियों को एकता के सूत्र में पिरोने का प्रयास किया।

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हरिद्वार जनपद में सक्रिय रहते हैं हरीश रावत

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार हरिद्वार जनपद में सक्रिय रहते हैं। हालांकि यह भी सच है कि जिले के कांग्रेसियों में प्रीतम गुट का भी दबदबा रहता है। इनके अलावा लोकल स्तर पर पूर्व विधायक अंबरीष कुमार के समर्थकों के रूप में कांग्रेस का तीसरा गुट भी वजूद में रहता है।

विधायकों ने भी रोड शो में भीड़ जुटाई

दूसरी तरफ कई विधायकों ने भी अपने-अपने गुट बनाए हुए हैं। इससे कांग्रेस हरिद्वार में कई खेमों में बंटी नजर आती है, लेकिन बुधवार को वीरेंद्र रावत के रोड शो में मंगलौर से पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन से लेकर पूर्व दर्जाधारी संजय पालीवाल, अशोक शर्मा, राजीव चौधरी सहित सभी नेता एकजुटता के साथ कांग्रेस की जीत के लिए लामबंद नजर आए।

विधायकों ने भी रोड शो में भीड़ जुटाई। वीरेंद्र रावत ने भी किसी को चाचा तो किसी को बड़ा भाई कहकर संबोधित करते हुए नजदीकी जताई।

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